प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में पंजीकरण करने के बाद किसान को किन-किन चरणों से गुजरना होता है? यह सवाल अधिकांश किसानों के मन में होता है और वे इसका सीधा और सरल जवाब चाहते हैं. तो आइए हम आपको इसकी पूरी प्रक्रिया बताते हैं. पंजीकरण से लेकर दावे के भुगतान तक, बिल्कुल सरल भाषा में. इसके बारे में विस्तार से जानने के पहले आपको उन 5 स्टेप्स के नाम जरूर जानना चाहिए जिसकी जरूरत बीा कराने से लेकर दावा के क्लेम तक होती है.
यही वो 5 स्टेप्स हैं जिनका वास्ता आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पंजीकरण से लेकर फसल नुकसान की भरपाई और क्लेम के लिए होती है. ये 5 स्टेप्स हैं
इन सभी स्टेप्स के बारे में विस्तार से जानें उससे पहले एक जरूरी सूचना. खरीफ 2025 के लिए पंजीकरण जारी है – KCC कृषि ऋण लेने वाले किसान 30 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं.
जब आप PMFBY में नामांकन करते हैं तो आपकी फसल का सफर बीमा सुरक्षा के साथ शुरू होता है. अगर फसल को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों से कोई नुकसान होता है तो आपको आपदा के 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना देनी होती है. बीमा कंपनी, नजदीकी कृषि कार्यालय, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 14447 व्हाट्सऐप चैटबॉट नंबर 7065514447 या क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम से फसल नुकसान की शिकायत कर सकते हैं.
फसल नुकसान होने पर सर्वे और तकनीकी आंकड़ों के आधार पर नुकसान का मूल्यांकन होता है. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीमा दावा राशि सीधे बीमित किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है.
बाढ़ से तबाही हो या किसी और कारण से फसल बर्बाद हो गई हो तो किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि फसल बीमा में इसकी भरपाई होती है. इसी तरह सूखा पड़ा हो या फसल मुरझा गई हो तो भी किसान को मुआवजा दिया जाएगा. चक्रवात की मार पड़ी हो और फसल बर्बाद हो गई हो या कीटों से फसल का नुकसान हुआ हो तो पीएम फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिया जाता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और बेहद आसान रखा गया है ताकि किसान खुद से भी इस सुविधा का लाभ ले सकें. किसान आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या खुद भी मोबाइल के जरिये रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. फसल नुकसान की स्थिति में वे इसकी शिकायत कर आसानी से क्लेम पा सकते हैं.