हरियाणा राज्य में इस बार हुई भारी बारिश से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. जलभराव से खरीफ फसलों को पहुंचे भारी नुकसान का हरियाणा की राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है. सरकार ने इस बड़े नुकसान को देखते हुए रोहतक, चरखी दादरी, पलवल और हिसार जिलों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है. यह पोर्टल 31 अगस्त तक खुला रहेगा, जिससे प्रभावित गांवों के किसान सरकारी नीति के अनुसार मुआवज़े के लिए अपने दावे अपलोड कर सकेंगे.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यह फैसला क्षेत्र-स्तरीय क्षति आकलन और जिला प्रशासन की सिफारिशों के बाद लिया गया है. इसमें कहा गया है, 'सिफारिश के बाद और 2025 में खरीफ फसलों पर भारी बारिश और जलभराव के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने प्रभावित गांवों से दावे अपलोड करने के लिए 31 अगस्त तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है.'
रोहतक के डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि महम तहसील के अंतर्गत 14 गांवों और लाखन माजरा उप-तहसील के अंतर्गत एक गांव के लिए पोर्टल एक्टिव कर दिया गया है. यहां भारी बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने आगे कहा, 'इन गांवों में महम, फरमाना खास, समैन, बेदवा, बहलबा, सिसरा खास, शेखपुर तितरी, खेड़ी महम, भैणी भेरों, भैणी सुरजन, भैणी महाराजपुर, मदीना कोरसन, भराण और भैणी चंद्रपाल शामिल हैं.' डीसी धर्मेंद्र सिंह ने सभी प्रभावित किसानों से समय सीमा से पहले अपने दावे जमा करने की अपील की है.
इस बीच, अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की जिला इकाई ने मांग की है कि मुआवजा योजना में और गांवों को जोड़ा जाए. एआईकेएस के जिला अध्यक्ष प्रीत सिंह ने कहा, 'चुलियाना, कुलताना और पाकस्मा उन गांवों में शामिल हैं जिन्हें 14 की आधिकारिक सूची में शामिल नहीं किया गया है, फिर भी इन क्षेत्रों में कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा अभी भी जलमग्न है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.' उन्होंने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल पहले ही जिला राजस्व अधिकारी से मिल चुका है और अनुरोध किया है कि इन गांवों को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि प्रभावित किसानों को भी लाभ मिल सके.
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