कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी घोषणाओं का पिटारा सबसे पहले महिलाओं के लिए खोला है. क्योंकि प्रदेश के वोटरों में करीब आधी वोटर महिलाएं हैं. इसीलिए बुधवार को झुंझुनू में प्रियंका गांधी कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में भी गृह लक्ष्मी गारंटी स्कीम की घोषणा की. इसके तहत राजस्थान की महिलाओं को साल में 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह राशि परिवार की महिला मुखिया के खाते में जाएगी. साथ ही प्रियंका ने इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर योजना का दायरा एक करोड़ से ज्यादा परिवारों तक करने की भी घोषणा की. इस योजना के तहत महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है. फिलहाल प्रदेश में 76 लाख को इस योजना का फायदा दिया जा रहा है. इन घोषणाओं से एक बात को साफ है कि राजस्थान में कांग्रेस महिलाओं के जरिए सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने की कोशिश करती दिख रही है. क्योंकि इससे पहले मध्यप्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस इसी तरह के वादे कर चुकी है.
कर्नाटक में यह काम कांग्रेस सरकार ने शुरू भी कर दिया है. इस एक्प्लेनर में हम आपको कांग्रेस का महिलाओं के लिए की जाने वाली घोषणाओं और उनके सियासी गुणा-भाग को समझाने की कोशिश कर रहे हैं. पढ़िए ये रिपोर्ट.
राजस्थान में करीब सवा 5 करोड़ वोटर हैं. इनमें से करीब 2.5 करोड़ महिला वोटर हैं. वोटिंग पैटर्न देखने पर पता चलता है कि राजस्थान के शहरी और ग्रामीण इलाकों में महिलाएं वोट देने में आगे रहती है. पिछले 20 साल में महिलाओं को वोटिंग प्रतिशत करीब 10 फीसदी बढ़ा है. 2018 में 74.68% महिलाओं ने वोट किया था.
आज झुंझनू, राजस्थान में विशाल जनसभा को संबोधित किया। कांग्रेस ने अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कल्याणकारी सरकार का मॉडल पेश किया है। स्वास्थ्य का अधिकार, पुरानी पेंशन, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, इंदिरा रसोई जैसी तमाम योजनाओं ने जनता का हाथ मजबूत किया है।
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जबकि 2003 में यह 64.21 प्रतिशत ही था. इसके अलावा एक तथ्य यह भी है कि 2018 में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा वोट किया था. इस साल पुरुषों ने 73% तो महिलाओं ने 74% वोटिंग की थी. यानी महिलाओं ने एक प्रतिशत वोटिंग ज्यादा की.
कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने अपने इस कार्यकाल में महिलाओं को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थीं. इसमें महिलाओं को इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत करीब 1.35 करोड़ महिलाओं को फोन दिए जाने थे. हालांकि आचार संहिता के कारण यह योजना अधर-झूल में रह गई. सिर्फ कुछ लाख महिलाओं को ही फोन मिल सके.
इसके अलावा महिलाओं के लिए 500 रुपये में गैस सिलेंडर की घोषणा भी की थी. किसान तक ने अपने इलेक्शन यात्रा में कई जगह अन्नपूर्णा फूड पैकेट के खाली कट्टे घरों में देखे. इसका मतलब यह योजना जरूरतमंद लोगों तक पहुंची है. वहीं, इसी साल राजस्थान सरकार ने महंगाई राहत कैंप भी शुरू किए थे.
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इनमें लगभग सभी योजनाओं में महिलाओं को ही परिवार का मुखिया माना गया और योजनाओं के लाभ दिए गए. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बार महिलाओं के साथ संवाद कार्यक्रम भी किए हैं. इसे कांग्रेस की सीधे तौर पर महिलाओं से जुड़ने के तौर पर देखा जाना चाहिए. अब आर्थिक सहायता और एक करोड़ परिवारों तक गैस सिलेंडर योजना को पहुंचाना महिलाओं को अपने पाले में करने की अगली कोशिश कांग्रेस करती दिख रही है.