HD 3226: ज्यादा पैदावार और रोगों से दूर, गेहूं की ये नई किस्म बनी किसानों की पहली पसंद

HD 3226: ज्यादा पैदावार और रोगों से दूर, गेहूं की ये नई किस्म बनी किसानों की पहली पसंद

HD 3226 किस्म उत्तरी भारत के सिंचित और समय पर बोए गए इलाकों के लिए विकसित — अधिक उत्पादन, उच्च प्रोटीन और बेहतर ब्रेड क्वालिटी के साथ बाजार में लोकप्रिय. किसानों के बीच इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.

HD 3226 wheat varietyHD 3226 wheat variety
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 11, 2025,
  • Updated Nov 11, 2025, 7:05 AM IST

भारत में गेहूं किसानों के लिए एक नई खुशखबरी आई है. HD 3226 नाम की नई गेहूं किस्म अब उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में व्यावसायिक खेती के लिए मंजूर हो चुकी है. यह किस्म न केवल अधिक पैदावार देती है, बल्कि पीली, भूरी और काली रतुआ (रस्ट) जैसी बीमारियों से भी बहुत अधिक प्रतिरोधी है. यही वजह है कि यह किस्म किसानों की पहली पसंद बन गई है क्योंकि बीमारियों से दूर होने के साथ बंपर उपज देने वाली है.

यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी छोड़कर), जम्मू-कठुआ, हिमाचल प्रदेश (ऊना और पौंटा वैली) और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में सिंचित और समय पर बोए जाने की परिस्थितियों में उपयुक्त पाई गई है.

प्रमुख विशेषताएं (Key Features):

  • औसत पैदावार: 57.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • संभावित अधिकतम पैदावार: 79.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • प्रोटीन की मात्रा: औसतन 12.8%
  • ग्लूटेन और सेडिमेंटेशन वैल्यू: उच्च, जिससे ब्रेड क्वालिटी बेहतर
  • जिंक की मात्रा: 36.8 पीपीएम
  • ब्रेड क्वालिटी स्कोर: 6.7 (बेहतरीन ब्रेड बनाने के लिए उपयुक्त)
  • HD 3226 का Glu-1 स्कोर 10 है, जो इसकी श्रेष्ठ रोटी और ब्रेड क्वालिटी के बारे में बताता है.

रोग प्रतिरोधकता (Disease Resistance):

यह किस्म पीली, भूरी और काली रतुआ, कर्नाल बंट, पाउडरी मिल्ड्यू, लूज स्मट और फुट रॉट जैसी बीमारियों से काफी हद तक प्रतिरोधक है.

खेती की सिफारिशें (Agronomic Practices):

  • बुवाई का समय: 5 से 25 नवंबर (अधिकतम उपज के लिए अक्टूबर का दूसरा पखवाड़ा सबसे अच्छा)
  • बीज की मात्रा: 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

खाद की मात्रा:

  • नाइट्रोजन: 150 किग्रा (यूरिया 255 किग्रा/हे.)
  • फॉस्फोरस: 80 किग्रा (डीएपी 175 किग्रा/हे.)
  • पोटाश: 60 किग्रा (एमओपी 100 किग्रा/हे.)
  • पहली सिंचाई: बुवाई के 21 दिन बाद
  • खरपतवार नियंत्रण: टॉपिक 400 ग्राम/हे. या टोटल 40 ग्राम/हे. (27–35 दिन बाद)

उपज बढ़ाने का स्प्रे:

क्लोर्मेक्वाट क्लोराइड (Lihocin) 0.2% + टेबुकोनाजोल (Folicur 430 SC) 0.1% पहला नोड और फ्लैग लीफ स्टेज पर. इस स्प्रे के छिड़काव से किसान गेहूं की पैदावार बढ़ा सकते हैं. हालांकि स्प्रे की क्वालिटी और उसकी मात्रा पर खास ध्यान रखना होगा.

किसानों के लिए फायदेमंद क्यों है HD 3226:

  • उच्च उपज और रोगों से सुरक्षा
  • बेहतर क्वालिटी वाला अनाज — ब्रेड, बिस्किट, पाव आदि के लिए उपयुक्त
  • समय पर बुवाई और सिंचाई से उपज में 10–15% तक बढ़ोतरी संभव
  • सिंचित क्षेत्रों में अनुकूल प्रदर्शन

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट कहते हैं कि HD 3226 गेहूं किस्म उन किसानों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जो उच्च पैदावार के साथ-साथ क्वालिटी और रोग प्रतिरोधकता चाहते हैं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह किस्म आने वाले सीजन में उत्तर भारत में गेहूं की उत्पादकता और क्वालिटी दोनों को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है.

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