
पिछले दिनों इंडिगो एयरलाइंस के नेटवर्क में बड़ी रुकावटें आईं और हजारों डोमेस्टिक फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं.ऑपरेशंस में कुछ सुधार हुआ है लेकिन यह अभी भी पहले की तरह सामान्य नहीं हो सका है. कंपनी को सोमवार और मंगलवार को भी काफी फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं. इसका यात्रियों पर बहुत बुरा असर पड़ा. यात्रियों ने इस पर गुस्सा भी जाहिर किया था. इंडिगो की फ्लाइट सर्विसेज को सामान्य करने की कोशिशें की जा रही हैं. जहां आम आदमी को लाखों-करोड़ों के नुकसान की खबरें सुर्खियां बनीं तो वहीं किसानों को भी इंडिगो की वजह से करोड़ों का चूना लगा है. फ्लाइट सर्विसेज में आई रुकावट की वजह से फल और फूलों की खेती करने वाले किसानों को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइट कैंसिल होने और देरी से एयर कार्गो सर्विसेज में भी भारी रुकावट आई है. इससे किसानों को बड़ा झटका लगा है. महाबलेश्वर से एक वेंडर हर दिन करीब 45 किसानों से स्ट्रॉबेरी इकट्ठा करके देश भर के बाजारों में सप्लाई करता है. लेकिन, पिछले चार-पांच दिनों से उसका कोई भी कंसाइनमेंट पुणे एयरपोर्ट से नहीं निकला है. वेंडर रोजाना फल ट्रांसपोर्ट करके औसतन 4 लाख से 5 लाख रुपये का लेन-देन करते हैं, लेकिन अब सब कुछ ठप पड़ा है.
पुणे से रोजाना कोलकाता, चेन्नई और गुवाहाटी जैसी कई जगहों पर स्ट्रॉबेरी ट्रांसपोर्ट की जाती है और औसतन हर दिन करीब 2.5 टन सामान भेजा जाता है. अगर स्ट्रॉबेरी रात में एयरपोर्ट पहुंचती हैं, तो नुकसान से बचने के लिए उन्हें अगले दिन तक डेस्टिनेशन और मार्केट तक पहुंचना होता है. चूंकि फलों का कोई बीमा नहीं होता, इसलिए नुकसान पूरी तरह से किसानों को ही उठाना पड़ता है.
एक और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शादियों के मौसम में फूलों की बहुत ज्यादा डिमांड होती है. यह समय फूल उगाने वाले किसानों के लिए फसल कटाई का समय होता है. ऐसे मौके पर हुई इंडिगो एयरलाइंस की गड़बड़ी ने देश के फूल किसानों को परेशान कर दिया है और उन्हें 10 करोड़ रुपये का नुकसान रोजाना हुआ. देश में हर दिन 40 लाख गुलाबों को अलग-अलग हिस्सों में ट्रांसपोर्ट किया जाता है. इसमें से 25 प्रतिशत यानी 10 लाख गुलाब, रोजाना हवाई जहाज से भेजे जाते हैं. लेकिन, इंडिगो की गड़बड़ी के कारण ये गुलाब अलग-अलग एयरपोर्ट पर ही पड़े हुए हैं.
एक गुलाब की कीमत बीस रुपये है, 10 लाख गुलाब का रोजाना का नुकसान दो करोड़ रुपये है यानी पिछले पांच दिनों में 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? यह सवाल इस मौके पर उठा है. महाराष्ट्र के मावल तालुका में फूलों के कई फार्म हैं. यहां से बड़ी संख्या में गुलाब अलग-अलग राज्यों और विदेशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. हवाई सेवाओं में रुकावट के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
फ्लाइट कैंसिल होने के कारण ऑर्डर में कमी से किसानों को बसों और ट्रेनों जैसे दूसरे ट्रांसपोर्ट के तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन ये तरीके लंबे ट्रांजिट टाइम के कारण कम पसंद किए जाते हैं. सब्जी विक्रेता भी पिछले तीन-चार दिनों से अपनी उपज शिप नहीं कर पा रहे हैं, जिससे किसानों को स्थानीय बाजारों में कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें-