
आंध्र प्रदेश के मिर्च किसान एक बार फिर से परेशान हैं. राज्य भर में मिर्च की फसलों में ब्लैक लीफ माइनर कीट का प्रकोप बड़े स्तर पर देखा जा रहा है. स्थिति को देखते हुए राज्य के कृषि मंत्री किंजारापु अच्चन्नायडू ने तुरंत और तेजी से रोकथाम के कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को हुई एक रिव्यू मीटिंग में मंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. पिछले चार साल से इस कीट के हमले से आंध्र प्रदेश के किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.
कृषि मंत्री अच्चन्नायडू ने प्रभावित इलाकों में तुरंत वैज्ञानिकों को भेजने का निर्देश दिया, ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके और कीट के फैलाव पर काबू पाया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने किसानों को कीटनाशकों के सही प्रयोग को लेकर गाइडेंस देने और टेक्निल असिस्टेंस मुहैया कराने के लिए स्पेशल टीमों के गठन के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने गांव स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों और किसान सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही अच्चन्नायडू ने बताया कि साल 2021 से कई जिलों में मिर्च की फसलों पर बार-बार कीटों का हमला हो रहा है.
आंध्र प्रदेश में मिर्च की फसलों में जिस 'ब्लैक लीफ माइनर' को लेकर किसानों में दहशत है, वह एक बेहद ही नुकसान पहुंचाने वाला कीट है. इसे ब्लैक थ्रिप्स के नाम से भी जाना जाता है. यह कीट पौधों की बढ़वार को रोक देता है, पत्तियों को मोड़ देता है और उत्पादन में भारी गिरावट का कारण बनता है. यह कीट इंडोनेशिया से भारत आया है और पहली बार साल 2015 में भारत में इसकी मौजूदगी के सबूत मिले थे. साल 2021 में भी आंध्र प्रदेश की मिर्च की फसल को इस कीट ने बुरी तरह से प्रभावित किया.
राज्य में हाल में हाल के प्रकोपों के चलते सरकार को कुछ खास कदम उठाने पड़े हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कीट ने कीटनाशकों के लिए अपनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है और इस वजह से किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में इस कीट से बचाव के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) पर जोर दिया जा रहा है. इसके तहत जैविक उपायों, प्राकृतिक खेती और कीट-रोधी किस्मों को अपनाने की सिफारिश की जा रही है.
यह भी पढ़ें-