200 साल तक होती है अखरोट के पेड़ की उम्र, वक्त के साथ बढ़ता है उत्पादन

200 साल तक होती है अखरोट के पेड़ की उम्र, वक्त के साथ बढ़ता है उत्पादन

एक खास बात ये भी कि अखरोट का पेड़ 25 से 30 साल पुराना होने के बाद ही ज्या‍दा फल देता है. पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए उत्त राखंड, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में कई योजनाओं के तहत काम चल रहा है. इस योजना को जायका नाम दिया गया है. 

अखरोट का पेड़. फोटो क्रेडिट-डॉ. वसीम रजाअखरोट का पेड़. फोटो क्रेडिट-डॉ. वसीम रजा
नासि‍र हुसैन
  • May 01, 2023,
  • Updated May 01, 2023, 8:42 PM IST

आपको शायद न पता हो, लेकिन अखरोट के पेड़ से जुड़ी कई दिलचस्प  बातें हैं जिन्हें सुनकर आम इंसान चौंके बिना नहीं रहता है. ऐसी ही एक बात पेड़ की उम्र को लेकर भी हैं. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेंपरेट हॉर्टिकल्चर (सीआईटीएच), जम्मू-कश्मीर के साइंटिस्ट की मानें तो अखरोट देने वाले एक पेड़ की उम्र 150 से 200 साल तक होती है. कई पुराने पेड़ आज भी कश्मीर में लगे हुए हैं. पुराने पेड़ों की खूब देखभाल होती है. उस वक्त भी जब वो फल दे रहे हों या नहीं. जम्मू-कश्मीर में अखरोट के पेड़ काटने पर बैन भी लगा हुआ है. 

हिमाचल प्रदेश में बड़ी मात्रा में कश्मीरी अखरोट की किस्म पैदा होती हैं. लेकिन मदर प्लांट के लिए जम्मू-कश्मीर की अपनी एक हद है. इसी के चलते अखरोट के पौधों की संख्या बढ़ाने के लिए अरुणाचल प्रदेश को चुना गया है.   अरुणाचल में मदर प्लांट तैयार करने का काम जोर-शोर से चल रहा है. हाल ही में अखरोट की 10 नई और वैराइटी को लिस्ट में शामिल किया गया है.

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पेड़ की उम्र के हिसाब से ऐसे बढ़ता है अखरोट का उत्पादन 

सीआईटीएच के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. वसीम हसन राजा ने किसान तक को बताया कि अखरोट का एक पेड़ अपनी उम्र के हिसाब से फल देता है. पेड़ जितना पुराना होगा उतने ही ज्यादा वो फल देगा. जैसे 10 साल पुराना अखरोट का पेड़ 20 से 25 किलो तक फल देता है. वहीं 20 साल पुराना पेड़ 30 से 40 किलो तक अखरोट देता है. जबकि 30 साल का हो जाने के बाद एक पेड़ 50 से 70 किलो तक अखरोट देने लगता है.

एक पेड़ की उम्र 100 से 150 किलो तक होती है. कुछ पेड़ 200 साल की उम्र को भी पार कर जाते हैं. लेकिन 30 साल की उम्र के बाद पेड़ कितना फल देगा यह निश्चित नहीं रहता है. एक पेड़ से अखरोट का उत्पादन 100 किलो तक भी पहुंच जाता है. वर्ना कम से कम 70 से 80 किलो तक तो देता ही है.

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पेड़ काटने पर बैन, फिर भी बिक रहा फर्नीचर

अधिकारिक रूप से जम्मू -कश्मीर में अखरोट का पेड़ काटने पर बैन लगा हुआ है. जानकारों की मानें तो अखरोट के पेड़ की लकड़ी फर्नीचर के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है. कश्मीर में घरों में भी अखरोट के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. सूत्र बताते हैं कि बैन लगा होने के बाद भी कई बार अखरोट के पेड़ काटे जाने की खबरें आती रहती हैं. क्योंकि डिमांड के चलते लकड़ी का दाम अच्छा मिल जाता है. इस बात का सुबूत यह है कि थोड़ी सी मेहनत और जान-पहचान के बाद आज भी अखरोट के पेड़ की लकड़ी से बना फर्नीचर मिल ही जाता है. 

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