केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ सीजन में प्रमुख फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम, बैठकें आयोजित करने की घोषणा की है. इसी क्रम में गुरुवार को वह मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सोयाबीन उत्पादन को लेकर एक अहम बैठक में शामिल होंगे. सोयाबीन उत्पादन को लेकर हो रही इस बैठक का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर में किया जाएगा.
बैठक में मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के कृषि मंत्री सहित सोयाबीन उत्पादक प्रमुख राज्यों के अधिकारी, संबद्ध संस्थानों के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और अन्य सभी हितधारक शामिल रहेंगे. मुख्य बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह सोयाबीन के खेत का दौरा कर वहां किसानों से बात करेंगे. उसके साथ ही फार्म रिसोर्स हब का शिलान्यास करेंगे. मुख्य बैठक में ‘खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तिलहन’ पर प्रजेंटेशन दी जाएगी. उसके बाद सोयाबीन के इतिहास, वर्तमान परिदृश्य, चुनौतियों और उत्पादकता बढ़ाने पर भविष्य की कोशिशों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठक में किसानों, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा), सोया खाद्य उद्योग, तेल उद्योग, बीज उत्पादकों, किसान उत्पादक संगठनों, राज्यों और केंद्र के कृषि विभाग, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति/निदेशक अनुसंधान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीडब्ल्यूआर, आईसीएआर के सीआईएई के निदेशकों से भी विस्तार से चर्चा करेंगे.
‘लैब टू लैंड’ जोड़ने के लिए हाल ही में चलाए गए 15 दिवसीय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के बाद लगातार कृषि क्षेत्र में किसानों तक बेहतर जानकारी पहुंचाने और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. अभियान के अनुभवों को ही आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा प्रमुख फसलों पर विशेष बैठकों के आयोजन का निर्णय लिया गया है. आने वाले दिनों में भी प्रमुखता के आधार विभिन्न राज्यों में बैठकें आयोजित की जाएंगी. सोयाबीन के बाद दलहन, तिलहन, कपास, गन्ना और अन्य फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए भी फसलवार और राज्यवार बैठकें आयोजित होंगी.