APEDA: पहली बार इंग्लैंड निर्यात हुआ कर्नाटक का फ्रेश जामुन, किसानों को हुई दोगुनी कमाई

APEDA: पहली बार इंग्लैंड निर्यात हुआ कर्नाटक का फ्रेश जामुन, किसानों को हुई दोगुनी कमाई

अभी तक जामुन के प्रोसेस्ड प्रोडक्ट ही निर्यात होते थे. मगर इस बार फ्रेश जामुन का निर्यात इंग्लैंड के लिए किया गया है. कर्नाटक के एक एफपीओ से जामुन का निर्यात हुआ है. इसके लिए किसानों को 110 रुपये किलो का भाव मिला है जबकि बाजार में इसका रेट 55 रुपये के आसपास होता है.

Palghar Bahdoli Jamun got GI tagPalghar Bahdoli Jamun got GI tag
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 24, 2025,
  • Updated Jun 24, 2025, 8:32 PM IST

जम्मू-कश्मीर से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को प्रीमियम चेरी निर्यात करने के बाद, भारत ने ब्रिटेन को ताजा जामुन की पहली खेप भेजकर एक नई कामयाबी हासिल की है. यह बात केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कही. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "पहली बार, ताजा जामुन निर्यात किए गए हैं, जिससे हमारे मेहनती किसानों के लिए और भी बड़ा बाजार खुल गया है."

जामुन के इस निर्यात को APEDA यानी कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने 19 जून को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह निर्यात वैश्विक कृषि बाजारों में भारत की बढ़ती प्रमुखता की ओर इशारा करता है. अभी तक विश्व के बाजारों में जामुन के जमे हुए या बीज के पाउडर जैसे प्रोसेस्ड प्रोडक्ट ही निर्यात होते थे. मगर इस बार ताजा और पके जामुन की खेप को निर्यात किया गया है.

कुंदना किस्म का जामुन हुआ निर्यात

'फॉर्चून इंडिया' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा जामुन (कुंदना किस्म) को कर्नाटक के एक किसान उत्पादक संगठन (FPO) से सीधे लिया गया था, और इसे अनंथा ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये निर्यात किया गया है. किसानों को अपनी उपज के लिए 110 रुपये प्रति किलोग्राम की कमाई हुई, जो भारतीय बाजारों में आम तौर पर मिलने वाले 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम से लगभग दोगुना है. इसके लिए कर्नाटक के बागवानी विभाग ने क्वारंटीन सुविधा से लैस प्लांट बनाए थे जहां जामुन की पैकिंग की गई.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जामुन की पहचान

कर्नाटक जामुन उगाने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है. अपने शानदार औषधीय और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाने वाला जामुन की कुंदना किस्म अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच अच्छी तरह से लोकप्रिय होने की उम्मीद है. हाल ही में, जम्मू और कश्मीर से सऊदी अरब और यूएई को प्रीमियम चेरी का निर्यात किया गया. इसे ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के तहत उच्च क्वालिटी के निर्यात के रूप में देखा गया. अब जामुन भी उसी राह पर चल पड़ा है.

जामुन के किसानों की बढ़ेगी कमाई

इस निर्यात के बाद देश की अन्य कृषि उपजों के लिए उम्मीद जगी है. अभी तक बासमती और गेहूं जैसे कृषि जींसों का निर्यात बड़े पैमाने पर होता रहा है. हाल के वर्षों में विदेशों में लीची की मांग भी बड़ी है. मगर जामुन का निर्यात अपने आप में बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी. कर्नाटक के किसानों ने इस निर्यात से दोगुनी कमाई की है. इससे कर्नाकट के किसानों को जामुन की खेती के प्रति और अधिक दिलचस्पी बढ़ेगी और वे देसी फलों की खेती पर अधिक जोर लगाएंगे.

MORE NEWS

Read more!