Poultry Feed: पोल्ट्री फीड के लिए मिल गया मक्का का विकल्प, साइंटिस्ट ने दी ये जानकारी 

Poultry Feed: पोल्ट्री फीड के लिए मिल गया मक्का का विकल्प, साइंटिस्ट ने दी ये जानकारी 

देश में हर साल करीब 50 लाख टन चिकन और 13 हजार करोड़ से ज्यादा अंडों का उत्पादन होता है. उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा घरेलू बाजार में ही खप जाता है. हर साल पोल्ट्री सेक्टर आठ से 10 फीसद की रेट से बढ़ रहा है. इसलिए फीड में अगर बाजरा और ज्वार शामिल हो जाए तो किसानों की इनकम बढ़ सकती है.  

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 21, 2024,
  • Updated May 21, 2024, 11:19 AM IST

पोल्ट्री फीड में मक्का की एक बड़ी हिस्सेदारी है. पोल्ट्री एक्स‍पर्ट की मानें तो फीड में करीब 60 से 65 फीसद मक्का का इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि बीते करीब एक-डेढ़ साल से मक्का को लेकर बाजार में उथल-पुथल मची हुई है. मक्का के दाम भी चढ़ गए हैं. मंडियों में मक्का की आवक भी उतनी नहीं रही है. मक्का के महंगा होने से अंडे-चिकन के दाम तो नहीं बढ़े हैं, लेकिन पोल्ट्री  फार्मर को जरूर नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन इसी बीच अच्छी खबर ये आई है कि पंजाब एग्रीकल्चार यूनिवर्सिटी (पीएयू), लुधियाना पोल्ट्री फीड में शामिल करने के लिए मक्का का विकल्प  तलाश लिया है. 

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पीएयू की मिलेट्स ब्रीडर साइंटिस्टस डॉ. रूचिका भारद्वाज ने ये जानकारी दी है. उनका कहना है कि मक्का के मुकाबले इस फसल में पानी की भी कम जरूरत होती है. साथ ही किसी भी मायने में ये मक्का से कम नहीं है. और पोल्ट्री फीड में इसका इस्तेमाल करने से अंडे और चिकन के उत्पादन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. 

ये भी पढ़ें: Feed-Fodder: भैंस को दाना-चारा खिलाते वक्त रखें इन 16 बातों का ख्याल, पढ़ें CIRB की रिपोर्ट 

बाजरा-ज्वार से ही दूर होगी पोल्ट्री फीड की परेशानी

डॉ. रूचिका भारद्वाज ने किसान तक को बताया कि बाजरा और ज्वार को पोल्ट्री फीड में शामिल करने से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं. पहली बात तो ये कि किसी एक फसल पर डिमांड का लोड नहीं बढ़ेगा. जैसे अभी मक्का पोल्ट्री -कैटल फीड में शामिल है, इथेनॉल बन रहा है, इंडस्ट्रियल सेक्टर में डिमांड होने के साथ ही फूड में भी डिमांड बढ़ती जा रही है. इसलिए जब डिमांड बढ़ेगी तो रेट तो बढ़ना लाजमी ही है. ऐसे में पोल्ट्री फार्मर के लिए बाजरा और ज्वार फायदे का सौदा हो सकती है. बेशक अभी इसका उतना उत्पादन नहीं है जितना मक्का का होता है, लेकिन जब किसानों के पास डिमांड आएगी और रेट सही हो जाएंगे तो उत्पादन तो बढ़ ही जाना है. आज बाजरा और ज्वार को एमएसपी भी उतनी नहीं मिल पाती है जितनी मक्का को मिल रही है. 

ये भी पढ़ें: Pregnant Buffalo: गर्भवती भैंस की 310 दिन तक ऐसे करें देखभाल, हेल्दी होगा बच्चा

जानें पोषण में कैसे मक्का के बराबर हैं बाजरा-ज्वार

डॉ. रूचिका भारद्वाज का कहना है कि बाजरा और ज्वार किसी भी तरह मक्का से कम नहीं है. दोनों बराबर का पोषण है. जैसे मक्का में 9.2 ग्राम प्रोटीन होता है, तो बाजरा में 11.8 और ज्वार में 10.4 ग्राम है. इसी तरह मक्का में 26 एमजी कैल्शियम होता है, तो बाजरा में 42 और ज्वावर में 25 एमजी कैल्शियम होता है. अब अगर एनर्जी की बात करें तो मक्का में 358 केसीएएल, बाजरा में 363 और ज्वा‍र में 329 केसीएएल होती है. फैट के मामले में मक्का 4.6 ग्राम, बाजरा 4.8 और ज्वार में 3.1 ग्राम होता है. फाइबर भी मक्का के मुकाबले बाजरा और ज्वार में ज्यादा है. और खास बात ये कि रेट के मामले में भी मक्का से कम ही है.

 

MORE NEWS

Read more!