पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने लैंड पूलिंग नीति के तहत अधिग्रहण प्रक्रिया को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार इसे कम से कम फिलहाल बड़े शहरों के आसपास के इलाकों तक ही सीमित रखा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मोहाली में करीब 1,000 एकड़ और लुधियाना में 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. आपको बता दें कि पंजाब सरकार की इस नीति को लेकर काफी बवाल हो रहा है.
अखबार द ट्रिब्यून ने सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है, 'पटियाला में करीब 80 एकड़ जमीन को लैंड पूलिंग के लिए प्रस्तावित किया गया है. 50 एकड़ जमीन और पूलिंग की प्रक्रिया में है. इसलिए, हमने पहले यहां जमीन अधिग्रहण करने, इस नीति को किसानों के लिए फायदेमंद साबित करने और फिर इसे दूसरे शहरों में लागू करने का फैसला किया है.
पदाधिकारी ने कहा कि इस नीति का पूरा विरोध इस आधार पर है कि इसे आप सरकार ने ही पेश किया था. पदाधिकारी ने कहा कि दरअसल, अधिग्रहित की जा रही जमीन 2008 से 2016 के बीच 24 कस्बों/शहरों के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान में चिन्हित की गई थी. सरकार अब लोगों की मौजूदा जरूरतों के आधार पर ही मास्टर प्लान लागू कर रही है.
राज्य के मुख्य सचिव के हवाले से अखबार ने लिखा, 'हम लगातार सरकार के सिद्धांत का पालन कर रहे हैं. शहरीकरण की जरूरत का आकलन करने के बाद, जो शुरू किया गया था, उसे अब लागू किया जा रहा है. पंजाब को कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से औद्योगिक या सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना है. जब औद्योगिक निवेशक पंजाब आते हैं, तो हमें उन्हें जमीन देने की जरूरत होती है. इसलिए, हमें लैंड पूल बनाने की जरूरत है.'
पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग के जरिये से 65,533 एकड़ जमीन, जिसमें से अकेले लुधियाना में 46,861 एकड़ जमीन, अधिग्रहित करने की योजना बनाई थी. यह नीति मोहाली में एक दशक से भी ज्यादा समय से सफलतापूर्वक लागू की जा रही है. जिन 24 स्थानों पर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है उनमें लुधियाना, मोहाली, अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, गुरदासपुर, मनसा, बठिंडा, जालंधर, नकोदर, कपूरथला, फगवाड़ा, सुल्तानपुर लोधी, नवांशहर, होशियारपुर, जगराओं, समराला, फिरोजपुर, मोगा, पटियाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, राजपुरा और रोपड़ शामिल हैं.
सीएम भगवंत मान ने किसानों से लैंड भूमि पूलिंग स्कीम के बारे में विपक्षी दलों के गलत प्रचार से प्रभावित न होने की अपील की है. साथ ही दोहराया है कि उनकी सरकार किसानों से जबरन जमीन नहीं लेगी. पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को लगातार इस योजना की वजह से विपक्षी दलों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है. विपक्ष का कहना है कि मान सरकार लैंड पूलिंग स्कीम के तहत किसानों से उनकी जमीन लूटने की योजना तैयार कर रही है.
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