11 राज्यों में PACS को मॉडर्न स्टोरेज कैपेसिटी से लैस किया गया, खाद्यान्न की बर्बादी रोकने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू

11 राज्यों में PACS को मॉडर्न स्टोरेज कैपेसिटी से लैस किया गया, खाद्यान्न की बर्बादी रोकने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू

केंद्र सरकार अन्न भंडारण योजना के तहत देशभर में स्थित पैक्स को विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्टोरेज सुविधा से लैस किया जा रहा है. इससे खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और खाद्यान्न की बर्बादी रुकेगी. जबकि, किसानों को उपज का उचित लाभ भी मिल सकेगा.

खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Jun 07, 2024,
  • Updated Jun 07, 2024, 5:36 PM IST

बारिश, मौसम और कीटों से खाद्यान्न की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) को मॉडर्न स्टोरेज सेंटर के रूप में विकसित किया है और यहां गोदामों का निर्माण किया गया है. सहकारिता मंत्रालय देशभर के 1 लाख से अधिक पैक्स को ग्रामीण भारत के विकास में योगदान देने के लिए तेजी से कई तरह की सुविधाओं से लैस कर रहा है. इन पैक्स पर कॉमन सर्विस सेवाओं के साथ ही दवाएं, उर्वरक, बीजों और कृषि उपकरणों की बिक्री भी की जा रही है. अब इन पैक्स को विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता (Decentralized storage capacity) से लैस किया जा रहा है. केंद्र के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 11 राज्यों में यह सुविधा शुरू की गई है. 

केंद्र सरकार अन्न भंडारण योजना के तहत देशभर में स्थित पैक्स को विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्टोरेज सुविधा से लैस किया जा रहा है. इससे खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और खाद्यान्न की बर्बादी रुकेगी. जबकि, किसानों को उपज का उचित लाभ भी मिल सकेगा. केंद्र के निर्देश पर सहकारिता मंत्रालय हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) को बड़े गोदामों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विकसित किया जा रहा है. इन पैक्स को खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए जरूरी तकनीक आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है.

11 राज्यों में  PACS को गोदाम बनाया गया 

मंत्रालय के अनुसार सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के तहत PACS स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता का निर्माण किया जा रहा है. वर्तमान में इस पायलट परियोजना के तहत 11 राज्यों के 11 PACS में गोदामों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. कहा गया कि सहकारिता क्षेत्र में लाई गई इस अन्न भंडारण योजना से खाद्यान्न की बर्बादी को रोकने में मदद मिलेगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा.

PACS को खाद्यान्न स्टोरेज सुविधा से लैस करने के फायदे 

  1. अन्न भंडारण योजना से खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी
  2. देश में खाद्यान्नों की बर्बादी कम होगी
  3. किसानों को उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा
  4. किसानों को कृषि उत्पादों के सुरक्षित भंडारण की सुविधा मिलेगी
  5. फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी
  6. परिवहन व्यय में कमी आने से किसानों को राहत मिलेगी
  7. PACS के व्यावसायिक कार्यकलापों में विविधता आएगी
  8. आय के अतिरिक्त स्रोत मिलने से PACS की वित्तीय क्षमता में सुधार होगा

अगले 5 साल में 1 लाख पैक्स और बनाए जाएंगे 

वर्तमान में देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख से ज्यादा प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) संचालित हैं. इनकी संख्या बढ़ाकर 2029 तक 2 लाख से अधिक करने का लक्ष्य है. वर्तमान में 33 हजार प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सेवाएं शुरू हो गई हैं. इन पैक्स के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग कृषि संबंधी सेवाओं का लाभ लेने के साथ ही आधार अपडेट, बैंक खाता, कृषि दस्तावेज, केसीसी लोन समेत 27 तरह की सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. 

ये भी पढ़ें - 

MORE NEWS

Read more!