बारिश के मौसम में हर किसी को चाय और पकौड़े की चाहत होती है. बारिश की बूंदें पड़ते ही लोग चाय के साथ पकौड़े ढूंढने निकल पड़ते हैं. इसलिए ये मौसम हर किसी को पसंद आता है. लेकिन ये पकौड़े कभी-कभी आपको बीमार भी कर देते हैं. स्वाद के लिए हम बाहर के तले हुए पकौड़े तो खा लेते हैं, लेकिन बाद में उसी पकौड़े के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई लोग इन समस्याओं से बचने के लिए खुद को इन सभी प्रकार के भोजन से दूर रखते हैं. लेकिन अब बारिश में पकौड़ों से दूर भागने की जरूरत नहीं है.
जी हां, बाजरे की अच्छाइयों से अब कोई भी बारिश में चाय और पकौड़े का स्वाद बड़े चाव से ले सकता है. कुटकी मिलेट के पकौड़े ना सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद हैं बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्वो आपके लिए लाभदायक भी है.
छोटे बाजरा, जिसे कुटकी या समाई के नाम से भी जाना जाता है, छोटे अनाज हैं जो बाजरा परिवार से संबंधित हैं. छोटे बाजरा यानी कुटकी आहार फाइबर, विटामिन (बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन), और खनिज (आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस) जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरे होते हैं. इसमें प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होता है, जो उन्हें संतुलित आहार का एक विकल्प हो सकता है. कुटकी प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जो उन्हें ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक रोग वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त अनाज बनाते हैं. इन बाजरा में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि वे धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे खून में ग्लूकोज धीरे-धीरे घुलता है. यह खून में शुगर के स्तर को रोकने में मदद कर सकता है.
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कुटकी में मौजूद उच्च फाइबर सामग्री भूख कम लगने में मदद करती है और अधिक खाने को कम कर सकती है. यह पाचन में भी सहायता करता है और स्वस्थ पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है. ऐसे में अगर आप अपने आहार में कुटकी को शामिल करते हैं तो यह आपके और आपके सेहत दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ऐसे में कुटकी पकौड़ा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है. छोटे बाजरे को विभिन्न व्यंजनों में आसानी से शामिल किया जा सकता है. इनका उपयोग दलिया, उपमा, पुलाव, डोसा, इडली और यहां तक कि बेक किए गए सामान बनाने के लिए भी किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं कैसे बनाएं कुटकी का पकौड़ा.