Mango: इस एक रोग की वजह से सूख रहे हैं आम के हजारों पेड़, किसानों को ये है सलाह

Mango: इस एक रोग की वजह से सूख रहे हैं आम के हजारों पेड़, किसानों को ये है सलाह

आम के बागों पर उकठा रोग का साया अब तेजी से बढ़ने लगा है जिसकी वजह से आम की पैदावार पर भी असर पड़ने लगा है. लखनऊ के मलिहाबाद, काकोरी में जहां आम की फल पट्टी स्थित है. इन दिनों उकठा रोग के चलते हजारों की संख्या में पेड़ अब सूखने लगे हैं. इस रोग के चलते आम के बागों पर एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है जिसको लेकर फल उत्पादक किसान भी परेशान हैं

बागों पर मडराने लगा उकठा रोग प्रकोप बागों पर मडराने लगा उकठा रोग प्रकोप
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • May 07, 2023,
  • Updated May 07, 2023, 2:00 PM IST

आम के बागों पर उकठा रोग(Mango blight)  का खतरा अब तेजी से बढ़ने लगा है. इसकी वजह से आम की पैदावार पर भी असर पड़ने लगा है. लखनऊ के मलिहाबाद, काकोरी में जहां आम की फल पट्टी स्थित है, वहां इन दिनों उकठा रोग के चलते हजारों की संख्या में पेड़ अब सूखने लगे हैं. इस रोग के चलते आम के बागों पर एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है जिसको लेकर फल उत्पादक किसान भी परेशान हैं. इस बीमारी की रोकथाम के लिए लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान कि वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने काफी काम किया है. उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए कई तरीके विकसित किए हैं. उन्होंने सलाह दी है कि किसान गहरी जुताई के समय आम के पेड़ की जड़ों को क्षतिग्रस्त होने की दशा में कॉपर सल्फेट या कॉपर ऑक्सिक्लोराइड से पुताई कर दें. यह बीमारी एक पेड़ से दूसरे पेड़ में भी तेजी से फैलती है. इस बीमारी का वाहक फफूंद होता है.

उकठा रोग(Mango blight) का लक्षण एवं कारण

अधिक वर्षा और जलभराव की स्थिति में आम के बागों में उकठा रोग के प्रकोप में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है.  फफूंद द्वारा उत्पन्न उकठारोग का पहला लक्षण पत्तियों के मुरझाने के रूप में सामने आता है. इसमें 1 से 2 सप्ताह में पेड़ की सारी पत्तियां सूख जाती हैं. इस फफूंद से संक्रमित पेड़ के तने के अंदर का संक्रमण पाया जाता है जिससे लकड़ी का रंग गहरा भूरा या काला हो जाता है. इस फफूंद का संक्रमण जड़ों से तनो में बढ़ता है.  इस रोग से मरते हुए पेड़ों की गंध से स्कोलिटिड बीटल नाम का कीट आकर्षित होता है. यह कीट छाल में बारीक छेद बनाते हुए अंदर लकड़ी तक घुस जाता है कि द्वारा तने के बाहर निकाला गया महीन बुरादा इस रोग के फैलाव में सहायक होता है. रोग से मरते हुए पेड़ों के मुख्य तने और शाखाओं पर गोंद का रिसाव भी होता है.

ये भी पढ़ें :Video: गुलाब जैसा महकता है ये आम, इसे लोग खाते कम चुराते हैं ज्यादा

उकठा रोग(Mango blight)  के नियंत्रण के उपाय

उकठा रोग ग्रस्त आम के पेड़ और संक्रमण प्रभावित पेड़ों के जड़ के आसपास की  मृदा में 50 से 150 ग्राम थायोफेनेट  मिथाइल या कार्बेंडाजिम मिलाकर सिंचाई करनी चाहिए. बागों में प्रोपिकोना जोल एक मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए.  

स्कोलिटिड बीटील की उपस्थिति पर इसमें क्लोरोपायरी फ़ास 20 ई.सी के 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव से तुरंत नियंत्रण पाया जा सकता है. वर्तमान समय में आम के कुछ भागों में इसके लक्षण देखे जा रहे हैं. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कीट रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिशंकर सिंह ने किसान तक को बताया कि  आम के बागों में गहरी जुताई के समय जड़े कट जाती हैं जिसके जरिए फफूँद का संक्रमण शुरू होता है. वहीं उन्होंने बताया कि किसानों को आम के जड़ों के चारों ओर मिट्टी का थाला बनाना चाहिए और फिर गोबर की कंपोस्ट को डालकर सिंचाई करनी चाहिए.

संक्रमित टहनियों के सूखे भाग से करीब 10 से 20 सेंटीमीटर नीचे से काटने के बाद मोटी डालियों पर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड के .5% के घोल से पुताई और कॉपर ऑक्सिक्लोराइड या कॉपर हाइड्रोक्साइड .3% का छिड़काव करना चाहिए।

 

 

 

MORE NEWS

Read more!