तीर्थराज प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है. इसके पहले यहां साधु संतों का आगमन शुरू हो चुका है. वहीं, मेले में खाने-पीने से लेकर अलग-अलग दुकानें भी सजधकर तैयार हैं. इस बार मेले में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. वैसे तो कुंभ में हरबार हैरतंगेज चीजें देखने को मिलती हैं, लेकिन अभी मेले में कुल्हड़ वाली चाय की दुकान चर्चा में बनी हुई है, जहां आप चाय पीने के बाद कुल्हड़ा को खा भी सकते हैं.
दरअसल, महाकुंभ मेले में बनारस के रहने वाले पुनीत दुबे ने चाय की दुकान लगाई है, जहां वह लोगों को मक्के के कुल्हड़ में इलायची, चॉकलेट और वनीला फ्लेवर की चाय पिला रहे हैं. इस कुल्हड़ वाली चाय की कीमत 20 रुपये है, जिसे पीने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, चाय विक्रेता पुनीत दुबे ने बताया कि वो सहारनपुर कुछ काम से गए थे, जहां उनके दिमाग में मक्का कुल्हड़ में फ्लेवर वाली चाय बेचने का खयाल आया.
पुनीत ने कहा कि अब हम प्रयागराज महाकुंभ में चाय बेचने आए हैं. उन्होंने बताया कि कुल्हड़ की लागत 10 रुपये है और 10 रुपये उनकी चाय की कीमत है, इस प्रकार वे 20 रुपये में लोगों को अपनी पसंद के फ्लेवर वाली चाय पिला रहे हैं. वे अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को चाय और कुल्हड़ का स्वाद चखा चुके हैं.
पुनीत ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ में 10 लाख लोगों को चाय पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. अभी उनके पास 10 हजार कुल्हड़ का स्टॉक है और वे 10 लाख कुल्हड़ बनाने का ऑर्डर दे चुके हैं. अब तक उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता.
पुनीत की चाय की दुकान दूर-दूर तक चर्चा में बनी हुई है. सुबह से लेकर शाम तक लोग कई बार उनकी दुकान पर चाय पीने पहुंच रहे हैं. मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से बिक्री और तेज हो जाएगी.
दुकान पर चाय पीने पहुंचे एक ग्राहक ने बताया कि मक्के के कुल्हड़ में चाय का स्वाद बढ़ जाता है. वहीं एक अन्य ग्राहक ने कहा कि यहां की चाय अच्छी लगती है और वह कई बार आ चुके हैं. ग्राहकों ने कहा कि हम इस कुल्हड़ को बिस्किट की तरह खा रहे हैं.