हरी सब्जियां आमतौर पर सभी जरूरी विटामिन, खनिज और आहार फाइबर से भरपूर होती हैं. इनमें अक्सर विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के और फोलेट के साथ-साथ आयरन और कैल्शियम जैसे खनिज उच्च मात्रा में होते हैं. ये पोषक तत्व स्वस्थ शारीरिक कार्यों को बनाए रखने और शरीर के विकास को बढ़ावा देने के लिए जरूरी होते हैं. कई हरी सब्जियां ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं. जिसके कारण लोग इसे अपने आहार में शामिल करते हैं.
इन्हीं कारणों से हरी सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है. लोग अलग-अलग तरह की हरी सब्जियां खाना और उगाना दोनों पसंद करते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिल्कुल तोरई जैसी दिखती है और ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है.
गर्मी के मौसम में हरी सब्जियों की बहार आ जाती है. करेला, लौकी, बीन्स, शिमला मिर्च, तोरई के अलावा एक और सब्जी गर्मियों में खूब मिलती है. वहीं आज हम जिस सब्जी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम चिचिंडा (स्नेक लौकी) है. आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इस सब्जी के बारे में पता तक नहीं है. लेकिन इसके फायदे भरपूर हैं. इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग स्थानीय नामों से जाना जाता है. इसे चिचिंडा, कैता, पाताल और बड़ा परवल के नाम से भी जाना जाता है. इसके शरीर पर धारी जैसी लकीरें होती है, इसलिए इसे सर्पगंधा भी कहा जाता है.
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चिचिंडा फाइबर और पानी से भरपूर होता है. यह सब्जी वजन घटाने में भी मदद करती है. यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो इस सब्जी की तैयार की गई कम तेल वाली रेसिपी की मदद से कर सकते हैं. हरे रंग का चिचिंडा भारत, श्रीलंका, चीन, नेपाल और इंडोनेशिया जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के गर्म दक्षिणी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है. इतना ही नहीं यह अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. आयुर्वेद में इसके कई फायदे हैं. आयुर्वेद के अनुसार, यह पेट, लीवर, पाचन तंत्र और त्वचा के रोगों को कम करने में सहायक है.
कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम, फास्फोरस, जिंक, आयरन, मैंगनीज, आयोडीन से भरपूर है चिचिंडा. इसलिए यह फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए लाभदायक है.