Millets: शरीर के ल‍िए बेहतर आहार है ज्वार, इसमें कई पोषक तत्वों की है भरमार

Millets: शरीर के ल‍िए बेहतर आहार है ज्वार, इसमें कई पोषक तत्वों की है भरमार

मोटे अनाजों में गिना जाने वाला ज्वार शरीर में पोषक तत्वों के लिए काफी फायदेमंद होता है. पोषक तत्वों से भरपूर ज्वार में विटामिन भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. आइये जानते हैं ज्वार और अन्य अनाज में कितनी मात्रा में पोषक तत्व पाया जाता है

Millets: ज्वार में है पोषक तत्वों का भरमार, जानें किस पोषक तत्व में है कितनी मात्रा, फोटो साभार: freepikMillets: ज्वार में है पोषक तत्वों का भरमार, जानें किस पोषक तत्व में है कितनी मात्रा, फोटो साभार: freepik
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 03, 2023,
  • Updated Jan 03, 2023, 6:16 PM IST

मोटे अनाजों में गिना जाने वाला ज्वार शरीर में पोषक तत्वों के लिए काफी फायदेमंद होता है. पोषक तत्वों से भरपूर ज्वार में विटामिन भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ऐसे ही पोषक तत्वों के गुणों के आधार पर मोटे अनाजों को स्वास्थ्य वर्धक माना जाता है क्योंकि मिलेट्स में ज्वार ग्लूटेन फ्री और फैट फ्री मिलेट्स है. इसका उपयोग आपके दैनिक पोषण की जरूरतों के लिए पूरी तरह से समृद्ध है. तो आइये जानते हैं ज्वार और अन्य अनाज में कितनी मात्रा में पोषक तत्व पाया जाता है.

ज्वार का उपयोग

ज्वार का औद्योगिक उपयोग अन्य मोटे अनाजों की तुलना में अधिक होता है. इसका उपयोग शराब उद्योग, डबल रोटी उत्पादन उद्योग, गेहूं-ज्वार संयोजन में किया जाता है. व्यापारिक रूप से शिशु आहार बनाने वाले उद्योगों में ज्वार चवली तथा ज्वार सोयाबीन संयोजन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 10 ग्राम प्रोटीन, 67.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं. तो वहीं इसकी तुलना में गेहूं और चावल में भी अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाया जाता है. 

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जानें क‍िस अनाज में क‍ितनी है पोषक तत्व की मात्रा

 ज्वारगेहूंचावल
प्रोटीन10.010.67.8
वसा1.731.470.52
कार्बोहाइड्रेट 67.764.778.2
आहार फाइवर10.211.22.8
आयरन3.953.970.65
कैल्शियम27.639.47.5
थिआमिन0.350.460.05
निआसिन2.12.71.7

 

मोटे अनाज के फायदे

हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने आहार में मोटे अनाज को शामिल करने की अपील कर चुके हैं. मोटा अनाज बढ़ती उम्र वाले बच्चों, ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले कामगारों और बूढ़े लोगों के लिए काफी जरूरी है. मोटे अनाज को पैदा करने में कम मेहनत और कम पानी की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए सरकार मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार जन-जागरुकता अभियान भी चला रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोटे अनाज के इस मुहिम से जोड़ा जाए. वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ म‍िलेट्स के तौर पर भी मना रहा है.     

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