कॉफी से बदलेगी किस्मत, जाइका और ईकॉम से सुधरेगी हजारों किसानों की जिंदगी

कॉफी से बदलेगी किस्मत, जाइका और ईकॉम से सुधरेगी हजारों किसानों की जिंदगी

जाइका और ईकॉम ने मिलकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 60,000 से अधिक छोटे कॉफी किसानों की सहायता के लिए एक नई योजना शुरू की है. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, जलवायु बदलाव से निपटने और महिला किसानों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है.

छोटे किसानों की बड़ी उड़ानछोटे किसानों की बड़ी उड़ान
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 02, 2025,
  • Updated Oct 02, 2025, 10:57 AM IST

जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) और ईकॉम एग्रोइंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ECOM) ने एक महत्वपूर्ण समझौता किया है. इस समझौते के तहत JICA ने ईकॉम और उसकी सहयोगी कंपनी ECOM Agroindustrial Asia Pte Limited (EAA) को 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का ऋण दिया है. इस परियोजना को एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) का भी समर्थन प्राप्त है. यह JICA का पहला विशेष वर्किंग कैपिटल लोन है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

छोटे किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और वियतनाम के 60,000 से अधिक छोटे कॉफी किसानों की मदद करना है. यह ऋण इन किसानों से कॉफी की स्थायी खरीद के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही, किसानों को प्रशिक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता, महिला किसानों को सहयोग और कॉफी सर्टिफिकेशन जैसी सेवाएं भी दी जाएंगी. इससे किसानों की आजीविका बेहतर होगी और वे जलवायु के प्रभावों से लड़ने में सक्षम होंगे.

भारत के किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

भारत दुनिया का आठवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश बन चुका है और 2022 में इसका योगदान वैश्विक उत्पादन में 3% था. भारत में लगभग 98% कॉफी किसान छोटे स्तर पर खेती करते हैं, जिनकी आय बहुत अस्थिर होती है. यह योजना भारत सरकार के "किसानों की आय दोगुनी करने" के मिशन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किसानों की उत्पादकता और आय दोनों को बढ़ाना है.

महिला किसानों पर विशेष ध्यान

इस परियोजना में महिला किसानों को विशेष प्रशिक्षण और सहायता दी जाएगी, जिससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स भी चलाए जाएंगे, ताकि किसान भविष्य में मौसम की अनिश्चितताओं से बेहतर तरीके से निपट सकें.

दुनिया का समर्थन और सहयोग

यह परियोजना केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए फायदेमंद है. यह जापान के वैश्विक विकास एजेंडा और G7 के लक्ष्यों के अनुरूप है. 2024 में G7 के अपुलिया घोषणा-पत्र और 2023 के हिरोशिमा समिट में SAFE (Supporting Agricultural Supply Chain and Food Security Enhancement) कार्यक्रम की घोषणा की गई थी, जिसके तहत $1 बिलियन की सहायता दी जा रही है.

जाइका का भविष्य की ओर कदम

JICA के निदेशक जनरल यासुई ताकेहिरो ने कहा, “हम इस साझेदारी से बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. यह परियोजना छोटे किसानों की गरीबी, लैंगिक असमानता, जलवायु संबंधी चुनौतियों और सतत आर्थिक अवसरों जैसी समस्याओं को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.”

यह साझेदारी छोटे कॉफी किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है. इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि वे जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी चुनौतियों का भी सामना कर सकेंगे. जाइका और ईकॉम की यह पहल एक स्थायी, मजबूत और न्यायपूर्ण कृषि आपूर्ति श्रृंखला की ओर एक सराहनीय प्रयास है.

ये भी पढ़ें: 

पशुओं के लिए पोषण से भरपूर हरा चारा, ज्वार और मक्का की सफल खेती के राज
रजिस्टर्ड नस्ल का टैग मिलने के बाद से बढ़ी है सोजत-गुजरी की डिमांड, जानें इनकी खासियत

MORE NEWS

Read more!