Farmer Protest: धान खरीद में देरी से नाराज किसान, करनाल मंडी में किया विरोध प्रदर्शन

Farmer Protest: धान खरीद में देरी से नाराज किसान, करनाल मंडी में किया विरोध प्रदर्शन

हरियाणा के करनाल मंडी में धान खरीद में हो रही देरी से किसानों का गुस्सा फूटा. किसान नेताओं ने डिजिटल तराजू न लगने और खरीद शुरू न होने पर विरोध प्रदर्शन किया. जानिए पूरी खबर और किसानों की मांगें.

धान खरीदी को लेकर निकला किसानों का गुस्साधान खरीदी को लेकर निकला किसानों का गुस्सा
कमलदीप
  • Karnal,
  • Sep 30, 2025,
  • Updated Sep 30, 2025, 4:42 PM IST

हरियाणा में धान की खरीद को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है. सरकार ने जहां 1 अक्टूबर से पहले धान खरीद शुरू करने की घोषणा की थी, वहीं मंडियों में अब तक खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. करनाल अनाज मंडी में किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी नाराज़गी जाहिर की और मंडी समिति के गेट बंद कर दिए.

मंडी में नहीं पहुंची खरीद एजेंसियां और व्यापारी

किसानों का कहना है कि वे धान लेकर मंडी तक पहुंच चुके हैं, लेकिन न तो खरीद एजेंसियां आई हैं और न ही व्यापारी. इस वजह से किसान परेशान हैं, क्योंकि अगर सरकारी खरीद नहीं हुई तो उन्हें धान औने-पौने दामों में बेचना पड़ेगा. इससे उनकी मेहनत और लागत दोनों पर असर पड़ेगा.

किसान नेताओं ने जताया गुस्सा, गेट किए बंद

आज करनाल मंडी में किसान नेताओं ने मंडी समिति के बाहर धरना दिया और दोनों गेट बंद कर दिए. उन्होंने अपने साथ लाए धान के बोरों से गेट को रोक दिया. किसानों की मांग है कि मंडी में धान की खरीद तुरंत शुरू की जाए ताकि उनकी फसल खराब न हो और उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े.

डिजिटल तराजू लगाने की भी मांग

किसान नेताओं की एक और अहम मांग है कि मंडी में डिजिटल वजन मशीनें लगाई जाएं ताकि धान का सही वजन हो सके और किसानों को पूरा हक मिले. उनका आरोप है कि बिना डिजिटल तराजू के वजन में गड़बड़ी होती है, जिससे किसानों को नुकसान होता है.

मांग पूरी होने तक विरोध जारी

किसानों ने साफ कहा है कि जब तक धान की खरीद शुरू नहीं होती और डिजिटल तराजू नहीं लगाए जाते, तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे. मंडी समिति के गेट बंद करना इसी आंदोलन का हिस्सा है.

सरकार और प्रशासन पर उठ रहे सवाल

अब सवाल यह है कि जब सरकार ने खुद 1 अक्टूबर से पहले धान खरीद की बात कही थी, तो फिर ज़मीनी स्तर पर तैयारी क्यों नहीं हुई? मंडियों में देरी क्यों हो रही है? क्या प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए?

हरियाणा के किसानों की मांगें स्पष्ट और जायज़ हैं- उन्हें उनकी फसल का सही दाम और सही वजन मिलना चाहिए. अगर सरकार समय रहते कार्रवाई नहीं करती, तो यह आंदोलन और तेज़ हो सकता है. अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और किसानों की समस्याओं का समाधान करता है.

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