Janmashtami 2023: क्यों मोर पंख पहनते हैं श्रीकृष्ण? क्या है इसके पीछे की कहानी, जान लें पूरी बात

Janmashtami 2023: क्यों मोर पंख पहनते हैं श्रीकृष्ण? क्या है इसके पीछे की कहानी, जान लें पूरी बात

Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जानें भगवान श्रीकृष्ण क्यों हमेशा अपने सिर पर मोर पंख लगाते हैं. भगवान कृष्ण के मोर पंख पहनने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी, जान लें पूरी बात

क्यों मोर पंख पहनते हैं श्रीकृष्ण? क्या है इसके पीछे की कहानीक्यों मोर पंख पहनते हैं श्रीकृष्ण? क्या है इसके पीछे की कहानी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 06, 2023,
  • Updated Sep 06, 2023, 11:57 AM IST

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस साल 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन भगवान को अच्छे से तैयार कर पूजा की जाती है. दरअसल प्रेम और दया के प्रतीक श्रीकृष्ण सारे देवताओं में सबसे ज्यादा श्रृंगार प्रिय भगवान हैं. कृष्ण को हमेशा उनके भक्त नए कपड़ों और आभूषणों से सजाते हैं. कृष्ण का नाम जुबां पर आते ही हमारे मन में सबसे पहले जो छवि उभर कर सामने आती है वो आभूषण पहन रखे और मस्तक पर मोर पंख धारण किए हुए युवा कृष्ण की आती है. आइए जानते हैं क्यों मोर पंख पहनते हैं श्रीकृष्ण? क्या है इसके पीछे की कहानी.

कृष्ण को प्रिय है मोर पंख

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बांसुरी और मोर पंख के बिना कान्हा का स्वरूप अधूरा माना जाता है. कृष्ण भगवान को मोरपंख बहुत प्रिय है. यही वजह है कि उनके मुकुट में मोरपंख हमेशा लगा रहता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के अवतारों में से सिर्फ कृष्ण ने मोर मुकुट धारण किया है. कान्हा का मोरपंख पहनना केवल प्रेम या उसके प्रति लगाव ही नहीं है बल्कि इसके जरिए भगवान ने कई संदेश भी दिए हैं.

प्रेम का प्रतीक है मोर पंख

मान्यताओं के अनुसार एक बार कृष्ण की बांसुरी पर राधा नृत्य कर रहीं थी तभी उनके साथ महल में मोर भी नाचने लगे. इस दौरान एक मोर का पंख टूट कर नीचे गिर गया. तब श्री कृष्ण ने इसे अपने माथे पर सजा लिया. फिर मोर पंख को राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में माना गया. इसलिए कृष्ण के सिर पर हमेशा मोर पंख सजा होता है.

ये भी पढ़ें:- Litchi: ये हैं लीची की पैदावार करने वाले पांच टॉप राज्य, जानें कितना करते हैं उत्पादन

शत्रु के लिए मन में समभाव

भगवान श्री कृष्ण अपने मित्र और शत्रु में तुलना नहीं करते. कृष्ण के भाई बलराम शेषनाग के अवतार थे. दरअसल मोर और नाग एक दूसरे के दुश्मन हैं. मोरपंख को माथे पर लगा कर उन्होंने यह बताया है कि मित्र और शत्रु के लिए उनके मन में समभाव यानी बराबर का भाव है.

श्रीकृष्ण पर भी कालसर्प योग

मोर और सांप की दुश्मनी है. यही वजह है कि कालसर्प योग में मोर पंख को साथ रखने की सलाह दी जाती है. धार्मिक मान्यताएं ये है कि श्रीकृष्ण पर भी कालसर्प योग था. कालसर्प दोष का प्रभाव कम करने के लिए भी भगवान कृष्ण मोर पंख को सदा अपने साथ रखते थे.

मोर से श्रीकृष्ण का प्यार

श्रीकृष्ण के मोर पंख धारण करने के पीछे एक प्रचलित कहानी है कि मोर ही सिर्फ ऐसा पक्षी है, जो जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन करता है. ऐसा कहा जाता है कि मादा मोर नर मोर के आंसू पीकर गर्भ धारण करती है. इस प्रकार श्री कृष्ण ऐसे पवित्र पक्षी के पंख को अपने माथे पर धारण करते हैं.

MORE NEWS

Read more!