
रविवार को पुरी जिले के पिपिली थाना क्षेत्र के सुनामुहिन गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ. गांव के किसान गजेंद्र स्वैन की अपने खेत में आग लगाते समय जलकर मौत हो गई. यह घटना धान की फसल कटने के बाद खेत में बचे पुआल को जलाने के दौरान हुई. शुरुआती जानकारी के अनुसार, गजेंद्र अपने खेत में बचे धान के पुआल को जला रहे थे. यह एक आम तरीका है जिससे किसान खेत को साफ करके अगली फसल के लिए तैयार करते हैं. लेकिन अचानक आग बेकाबू हो गई और तेज लपटें और घना धुआं फैल गया. आग इतनी तेज थी कि गजेंद्र तुरंत अपनी पकड़ में नहीं आ सके और जलते हुए खेत में फंस गए.
घटना के समय आसपास के खेतों में धान की कटाई लगभग पूरी हो चुकी थी, इसलिए इलाके में कोई अन्य किसान मौजूद नहीं था. आसपास के लोगों की गैरमौजूदगी के कारण बचाव में देरी हुई और गजेंद्र की जान नहीं बचाई जा सकी.
घटना की सूचना मिलते ही पिपिली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई जारी है.
यह हादसा किसानों के लिए एक चेतावनी है कि खेत में आग लगाने के समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए. तेज हवा या आग पर नियंत्रण न होने की स्थिति में यह गंभीर दुर्घटना में बदल सकती है. ग्रामीणों और किसानों को चाहिए कि आग लगाने के दौरान हमेशा पास में पानी या बचाव के अन्य साधन रखें. गजेंद्र स्वैन की मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है. यह घटना याद दिलाती है कि खेत की फसल के बाद पुआल जलाना कितना खतरनाक हो सकता है. सुरक्षा के उपायों के बिना ऐसी गतिविधियाँ गंभीर परिणाम दे सकती हैं. (अजय कुमार नाथ का इनपुट)
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