
गुंटूर, आंध्र प्रदेश में ITC वेलकम होटल में 4th नेशनल स्पाइस कॉन्फ्रेंस 2025 की शुरुआत वर्ल्ड स्पाइस ऑर्गनाइज़ेशन (WSO) ने की. यह दो दिवसीय सम्मेलन “Spice Route Ahead – Safe, Sustainable and Scalable” थीम पर चल रहा है. इस सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य है-भारत की मसाला उद्योग को सुरक्षित, टिकाऊ और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाना.
WSO के चेयरमैन श्री रामकुमार मेनन ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय मसालों की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे समय में सुरक्षित उत्पादन, टिकाऊ खेती और बड़े पैमाने पर विस्तार करना बहुत ज़रूरी है. उन्होंने किसानों और उद्योग से जुड़े सभी लोगों को मिलकर काम करने की सलाह दी.
FSSAI के डॉ. परेश शाह ने बताया कि मसाला उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचने तक हर स्तर पर खाद्य सुरक्षा सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि भरोसेमंद और साफ-सुथरी सप्लाई चेन ही भविष्य में भारत की मसाला उद्योग की ताकत बनेगी.
स्पाइस बोर्ड की डायरेक्टर डॉ. ए. बी. रेमाश्री ने कहा कि तकनीक खेती में बड़ा बदलाव ला सकती है. यदि तकनीक को खेत तक पहुंचाया जाए और बड़े पैमाने पर अपनाया जाए, तो किसान ज्यादा कमाई कर सकते हैं और उनकी मेहनत की सही कीमत मिल सकती है.
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कई महत्वपूर्ण चर्चाएँ हुईं—
इस कार्यक्रम में किसान, FPOs, एग्रीटेक कंपनियाँ, प्रोसेसर, एक्सपोर्टर, रेग्युलेटर्स और वैश्विक मसाला कंपनियाँ शामिल हुईं. सबका लक्ष्य एक ही था-भारत की मसाला उद्योग को सुरक्षित, टिकाऊ और विश्व स्तर पर मजबूत बनाना.
15 नवंबर को दूसरे दिन:
यह कॉन्फ्रेंस साफ दिखाती है कि आने वाले समय में भारत की मसाला उद्योग सुरक्षित, टिकाऊ और तकनीक-आधारित बनने वाली है. इससे किसानों को बेहतर उत्पादन, अधिक कमाई और नए बाजार मिलेंगे.
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