गुंटूर में गूंजी किसानों की आवाज, तकनीक और सुरक्षा के साथ मसालों का भविष्य होगा मजबूत

गुंटूर में गूंजी किसानों की आवाज, तकनीक और सुरक्षा के साथ मसालों का भविष्य होगा मजबूत

गुंटूर में आयोजित 4th नेशनल स्पाइस कॉन्फ्रेंस 2025 में किसानों, उद्योग और तकनीक के विशेषज्ञों ने मिलकर मसाला उद्योग के सुरक्षित, टिकाऊ और बड़े पैमाने पर विकास की दिशा तय की. जानिए कैसे किसान इस बदलाव से फायदा उठा सकते हैं.

भारतीय किसानों के लिए विकास का नया रास्ताभारतीय किसानों के लिए विकास का नया रास्ता
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Nov 16, 2025,
  • Updated Nov 16, 2025, 9:41 AM IST

गुंटूर, आंध्र प्रदेश में ITC वेलकम होटल में 4th नेशनल स्पाइस कॉन्फ्रेंस 2025 की शुरुआत वर्ल्ड स्पाइस ऑर्गनाइज़ेशन (WSO) ने की. यह दो दिवसीय सम्मेलन “Spice Route Ahead – Safe, Sustainable and Scalable” थीम पर चल रहा है. इस सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य है-भारत की मसाला उद्योग को सुरक्षित, टिकाऊ और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाना.

खुलते ही नेताओं ने बताई उद्योग की दिशा

WSO के चेयरमैन श्री रामकुमार मेनन ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय मसालों की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे समय में सुरक्षित उत्पादन, टिकाऊ खेती और बड़े पैमाने पर विस्तार करना बहुत ज़रूरी है. उन्होंने किसानों और उद्योग से जुड़े सभी लोगों को मिलकर काम करने की सलाह दी.

“फार्म से थाली तक-सुरक्षा सबसे ज़रूरी”

FSSAI के डॉ. परेश शाह ने बताया कि मसाला उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचने तक हर स्तर पर खाद्य सुरक्षा सबसे अहम है. उन्होंने कहा कि भरोसेमंद और साफ-सुथरी सप्लाई चेन ही भविष्य में भारत की मसाला उद्योग की ताकत बनेगी.

तकनीक किसानों की सबसे बड़ी ताकत – स्पाइस बोर्ड

स्पाइस बोर्ड की डायरेक्टर डॉ. ए. बी. रेमाश्री ने कहा कि तकनीक खेती में बड़ा बदलाव ला सकती है. यदि तकनीक को खेत तक पहुंचाया जाए और बड़े पैमाने पर अपनाया जाए, तो किसान ज्यादा कमाई कर सकते हैं और उनकी मेहनत की सही कीमत मिल सकती है.

पहले दिन की खास बातें

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन कई महत्वपूर्ण चर्चाएँ हुईं—

  • मसाला सप्लाई चेन में फूड सेफ्टी
  • कम्युनिटी आधारित खेती और किसानों का सशक्तिकरण

एग्रीटेक के ज़रिए खेती में नवाचार

इस कार्यक्रम में किसान, FPOs, एग्रीटेक कंपनियाँ, प्रोसेसर, एक्सपोर्टर, रेग्युलेटर्स और वैश्विक मसाला कंपनियाँ शामिल हुईं. सबका लक्ष्य एक ही था-भारत की मसाला उद्योग को सुरक्षित, टिकाऊ और विश्व स्तर पर मजबूत बनाना.

क्या खास होगा?

15 नवंबर को दूसरे दिन:

  • उद्योग में ज़िम्मेदारी और विकास के संतुलन पर चर्चा की गई
  • एक विशेष बायर–सेलर मीट हुई, जिसमें किसान, उत्पादक और प्रोसेसर सीधे जुड़ सकेंगे
  • यह किसानों को नए बाजार और बेहतर दाम दिलाने का बड़ा अवसर होगा.

किसानों के लिए नई उम्मीदें

यह कॉन्फ्रेंस साफ दिखाती है कि आने वाले समय में भारत की मसाला उद्योग सुरक्षित, टिकाऊ और तकनीक-आधारित बनने वाली है. इससे किसानों को बेहतर उत्पादन, अधिक कमाई और नए बाजार मिलेंगे.

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