हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम जिले के फर्रुखनगर और पटौदी क्षेत्र के किसानों से जल संरक्षण में सहभागी बनने की अपील की है. दरअसल, हरियाणा के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम जिले के किसान सरकार के जल संरक्षण के प्रयासों में सहभागी बनकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. इसके लिए क्षेत्र के करीब 30 गांवों को एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का शोधित पानी किसानी और बागवानी के लिए उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस सार्थक प्रयास में सभी लोग सहभागी बने, इस संदर्भ में अगले सप्ताह वह खुद क्षेत्र के किसानों के साथ संवाद करेंगे.
मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर के प्रति किसानों को जागरूक कर उन्हें एसटीपी का शोधित पानी इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि नहरी पानी को बढ़ती जरूरतों के अनुरूप इस्तेमाल में लाया जा सके. उन्होंने अपने निरीक्षण दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने आज गुरुग्राम से झज्जर तक एसटीपी चैनल का निरीक्षण किया है. 500 एमएलडी की क्षमता वाली इस ड्रेन में अभी धनवापुर की कुल 218 एमएलडी क्षमता में से 75 एमएलडी पानी छोड़ा जा रहा है, जोकि झज्जर जिला में किसानों द्वारा खेती में इस्तेमाल किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि आधुनिक शोधित जल तकनीकों के माध्यम से अब एसटीपी का जल खेती के लिए सुरक्षित और उपयोगी हो चुका है. इससे भूजल स्तर में गिरावट को रोका जा सकेगा और किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक उपाय भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को इस जल के उपयोग के लिए जागरूक करें और आवश्यक तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हुए किसानों की पैदावार में बढ़ोतरी हो और जल संसाधनों का संरक्षण तय किया जा सके.
राव ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदूषण को लेकर पूरी तरह से गंभीर है. देश की नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया कि आने वाले पांच वर्षों के भीतर यमुना नदी को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा. इस दिशा में सभी संबंधित राज्यों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस राष्ट्रीय संकल्प में केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने में पूरा योगदान देगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी निर्देश दिया गया है कि वह जल स्रोतों की नियमित निगरानी करें. उन्होंने कहा कि वे खुद भी अगले सप्ताह गुरुग्राम में स्थित बादशाहपुर ड्रेन का निरीक्षण करेंगे.
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि वर्तमान में धनवापुर में कुल 218 एमएलडी क्षमता के तीन और बहरामपुर में कुल 170 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी काम कर रहे हैं. इसी के साथ शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, बहरामपुर में वर्ष 2028 तक 100-100 एमएलडी क्षमता के दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे. दो नए एसटीपी न केवल शहर के दूषित जल के प्रभावी उपयोग को तय करेंगे बल्कि जल स्त्रोतों की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होंगे.