हरियाणा में भूजल की समस्या बहुत गंभीर हो चली है. यहां के ग्राउंडवाटर का दोहन रिकॉर्ड स्तर को छू गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में जमीन के नीचे से पानी निकालने का रिकॉर्ड 136 परसेंट तक चला गया है जो कि बेहद चिंताजनक स्थिति है. हरियाणा का नाम देश के उन 6 राज्यों में शुमार हो गया है जहां पानी के रिचार्ज होने से अधिक पानी का दोहन हो रहा है. इसकी रिपोर्ट सेंट्रल ग्राउंडवाटर बोर्ड यानी CGWB ने जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी के दोहन के मामले में कुरुक्षेत्र के हालात सबसे खराब हैं जबकि झज्जर की स्थिति सबसे अच्छी है.
रिपोर्ट बताती है कि कुरुक्षेत्र में भूजल दोहन 228 परसेंट से अधिक है जबकि झज्जर में यह मात्र 51 परसेंट है. इसी तरह फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे जिले जहां सबसे अधिक आबादी बसती है, वहां भी पानी की स्थिति बेहद नाजुक है. फरीदाबाद में भूजल दोहन 181 परसेंट तो गुरुग्राम में 212 परसेंट है. दोहन की यह लिमिट सेफ लिमिट से लगभग दोगुनी है. 94 परसेंट के साथ पलवल अच्छी स्थिति में है.
CGWB की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा के कुल क्षेत्रफल के 60 परसेंट से अधिक हिस्से में भूजल का दोहन बहुत अधिक हो रहा है जबकि मात्र 28 परसेंट इलाके ही सुरक्षित हालत में हैं. 11 परसेंट इलाके को गंभीर और अति गंभीर की श्रेणी में रखा गया है.जिलेवार भूजल दोहन दर और भी चिंताजनक आंकड़े दिखाती है: पानीपत (222.11%), उसके बाद कैथल (190.24%), फतेहाबाद (176.99%) और करनाल (173.85%). इसके विपरीत, हिसार (88.63%), पंचकूला (62.28%) और रोहतक (51.14%) जैसे जिले सुरक्षित लिमिट के भीतर हैं.
फरीदाबाद मेट्रो विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के मुख्य इंजीनियर विशाल बंसल ने कहा, "फरीदाबाद में प्रस्तावित 100 एकड़ जलाशय सहित पानी के स्टोरेज और रिचार्ज को बढ़ाने के लिए एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है." चूंकि हरियाणा के सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं, इसलिए सीजीडब्ल्यूबी की रिपोर्ट में भूजल के अधिक दोहन को रोकने के लिए स्थायी जल प्रबंधन की जरूरत पर बल दिया गया है.
भूजल का दोहन कई राज्यों में गंभीर समस्या पैदा कर रहा है. इसकी गंभीरता खास तौर पर गर्मियों में देखी जाती है जब पेयजल की समस्या बढ़ जाती है. यहां तक कि जमीन के नीचे पानी का स्तर भी इतनी तेजी से भाग रहा है कि बोरवेल के लिए कई-कई फीट तक बोरिंग करनी पड़ती है. अब यह समस्या गांवों में भी देखी जा रही है जहां बहुत आसानी से कुछ ही फीट पर पानी मिल जाया करता था. इसकी वजह है कि पानी का अंधाधुंध दोहन हो रहा है जबकि उसे रिचार्ज करने की गति बहुत धीमी है.