शौक नहीं स्ट्रेस बस्टर भी! बागवानी करने से घटता है तनाव, अब साइंस ने भी माना

शौक नहीं स्ट्रेस बस्टर भी! बागवानी करने से घटता है तनाव, अब साइंस ने भी माना

अब विज्ञान भी मानता है कि बागवानी (Gardening) सिर्फ शौक नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है.

Gardening is Stress BusterGardening is Stress Buster
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली ,
  • Sep 03, 2025,
  • Updated Sep 03, 2025, 2:12 PM IST

अगर आप बागवानी करते हैं, तो आप जानते होंगे कि पौधों की देखभाल करना, मिट्टी में हाथ गंदे करना और प्रकृति के बीच समय बिताना कितना सुकून देता है. लेकिन अब विज्ञान भी मानता है कि बागवानी (Gardening) सिर्फ शौक नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है.

अमेरिका की यूसीएलए (UCLA) एक्सटेंशन और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो-बोल्डर की हालिया रिसर्च में बागवानी को तनाव, चिंता, अवसाद (डिप्रेशन) कम करने और जीवनशैली सुधारने का प्रभावी तरीका बताया गया है.

20 से 30 मिनट की बागवानी देगी खुशहाल जिंदगी

हॉर्टिकल्चरल थेरेपी इंस्ट्रक्टर कैरेन हेनी ने फर्स्ट पोस्ट को बताया कि बागवानी थेरेपी एक साइंटिफिक तरीका है जिसमें पौधों और बागवानी आधारित गतिविधियों का इस्तेमाल मेंटल व फिजिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता है. एक और रजिस्टर्ड हॉर्टिकल्चरल थेरेपिस्ट, सारा थॉम्पसन ने कहा कि हफ्ते में 2-3 बार सिर्फ 20 से 30 मिनट बागवानी करने से तनाव घटता है, मूड बेहतर होता है और नियमित अभ्यास से फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं. पौधों की देखभाल करना, और समय के साथ गार्डनिंग के रिजल्ट देखने से सुकून मिलता है, जो सिर्फ प्रकृति में समय बिताने से नहीं मिलता.

स्टडी में सामने आए चौंकाने वाले फायदे

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो-बोल्डर के शोधकर्ताओं ने दो समूहों पर अध्ययन किया. एक समूह को बागवानी की ट्रेनिंग, बीज, पौधे और सामुदायिक गार्डनिंग प्लॉट दिया गया. दूसरे समूह को दो साल तक बागवानी नहीं करने के लिए कहा गया. नतीजा चौंकाने वाला था. बागवानी करने वाले लोगों में तनाव स्तर कम हुआ. सामाजिक जुड़ाव बढ़ा. उनका फाइबर सेवन 7% तक बढ़ा, जिससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हुआ. साथ ही साप्ताहिक फिजिकल एक्टिविटी में औसतन 42 मिनट की बढ़ोतरी देखी गई.

मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान

यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर और रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी की 2020 की एक रिपोर्ट में भी बताया गया था कि बागवानी करने वाले लोगों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति उन लोगों जैसी होती है जो समृद्ध इलाकों में रहते हैं.

थॉम्पसन बताती हैं कि बागवानी से सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो खुशी से जुड़ा है. मिट्टी में मौजूद माइक्रोब्स मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं. माइंडफुलनेस और फोकस में सुधार होता है.

बागवानी की खासियत यह है कि इसे किसी भी जगह, उम्र या क्षमता के हिसाब से अपनाया जा सकता है. अगर आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो बागवानी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना बेहद फायदेमंद हो सकता है.

----------------End-------------

 

MORE NEWS

Read more!