Dussehra 2025: विजयादशमी पर्व आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय

Dussehra 2025: विजयादशमी पर्व आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय

दशहरा का त्‍योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह अश्विन मास की शुक्ल पक्ष दशमी को मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 2 अक्टूबर 2025 को है. जानिए पूजा, शस्त्र पूजा का शुभ मुहूर्त क्‍या है और रावण दहन कब होगा.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 02, 2025,
  • Updated Oct 02, 2025, 11:57 AM IST

भारत में हर दिन किसी न किसी धर्म के त्‍योहार होते हैं, जिन्‍हें लोग मनाते हैं. लेकिन, कुछ त्‍योहार ऐसे होते हैं जो विशेष महत्‍व रखते हैं. इन्‍हीं में एक से एक है, दशहरा. हिंदू धर्म के इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है. कुछ राज्‍यों में इसे अन्‍य नामों में भी जाना जाता है. दशहरा हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही शस्त्रों की पूजा भी की जाती है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान राम ने रावण का और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. भारत में सदियों से दशहरे के दिन रावण दहन की परंपरा चली आ रही है. वहीं, इस साल विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर 2025 को है. ऐसे में जानिए दशहरा पर पूजा का शुभ मुहूर्त और रावण दहन का समय क्‍या है. 

दशहरे की त‍िथि‍ कब से होगी शुरू?

पंचांग के मुताबिक आश्विन मास की दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7:01 बजे से होकर 2 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के मुताबिक 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:53 मिनट से 05:41 मिनट तक,  प्रातः संध्या सुबह 05:17 मिनट से 06:29 मिनट तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:04 मिनट से 12:51 मिनट तक, विजय मुहूर्त दोपहर 02:27 मिनट से 03:15 मिनट तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:26 मिनट से 06:50 मिनट तक रहेगा.  

पूजन का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक.

शस्त्र पूजा का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की दोपहर 1:21 बजे से दोपहर 3:44 बजे तक रहेगा. 

वाहन खरीदने का मुहूर्त: 2 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक.

रावण दहन का मुहूर्त

रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल का समय सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 2 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा. इसके बाद रावण दहन शुरू हो जाएगा. दशहरे की शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है.

दशहरा के दिन ऐसे करें पूजा

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लोग घर या मंदिर में पूजा की तैयारी करते हैं. 
  • सबसे पहले भगवान श्रीराम और मां दुर्गा का स्मरण करके पूजा का संकल्प लिया जाता है. 
  • संकल्प के बाद देवी-देवताओं को फूल, फल, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है. 
  • इस दिन नवरात्रि का समापन भी होता है, इसलिए मां दुर्गा की विशेष आराधना का विधान है.
  • पूजा में धूप, दीप और अगरबत्ती जलानी चाहिए.
  • पीले फूल भगवान राम को अर्पित करें और पीला चंदन श्रीराम को चढ़ाएं. 
  • पूजा के दौरान भगवान राम के मंत्रों का जप श्री राम रक्षा स्रोत का पाठ करना चाहिए. 
  • पूजा में भोग के रूप में तुलसी के पत्ते भी अवश्य अर्पित करने चाहिए. 
  • पूजा के अंत में श्रीराम जी की आरती का पाठ करना चाहिए और घर के लोगों में प्रसाद का वितरण करना चाहिए. 
  • दशहरे का एक प्रमुख अनुष्ठान शस्त्र पूजन भी है, जिसे आयुध पूजन कहा जाता है. 
  • दशहरे की शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करने से पहले राम दरबार की विशेष पूजा और आरती की जाती है.

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