दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर CAQM की सख्ती: GRAP-1 लागू, निर्माण से लेकर रसोई तक कई पाबंदियां

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर CAQM की सख्ती: GRAP-1 लागू, निर्माण से लेकर रसोई तक कई पाबंदियां

केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने मंगलवार को दिल्ली और आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण-1 के तहत उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करें, क्योंकि प्रदूषण का स्तर "खराब" श्रेणी में पहुंच गया है.

The CAQM order prohibits the routine use of diesel generator (DG) sets as a primary power source. Hotels, restaurants, and open eateries must rely solely on electricity, gas, or other clean fuels.The CAQM order prohibits the routine use of diesel generator (DG) sets as a primary power source. Hotels, restaurants, and open eateries must rely solely on electricity, gas, or other clean fuels.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 14, 2025,
  • Updated Oct 14, 2025, 8:45 PM IST

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी यानी CAQM ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत दिल्ली एनसीआर में GRAP 1 लगाया गया. मंगलवार को दिल्ली में AQI 211 दर्ज किया गया. ग्रैप 1 लागू होने के साथ दिल्ली में कई पाबंदियां लगा दी गईं. ग्रैप 1 के तहत दिल्ली एनसीआर में धूल नियंत्रण उपाय जैसे एंटी स्मॉग गन का प्रयोग शुरू किया जाएगा. साथ ही सभी निर्माण और तोड़ फोड़ वाली जगहों पर धूल नियंत्रण के उपाय का पालन करना होगा. 500 वर्गमीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान का पालन भी जरूरी रहेगा.

AQI 211 के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में 

भारत मौसम विज्ञान विभाग और ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी और बिगड़ सकती है. ऐसे में CAQM (Commission for Air Quality Management) ने GRAP Stage I के तत्काल प्रभाव से लागू होने का निर्णय लिया.

GRAP-1 के तहत क्या-क्या हैं पाबंदियां?

धूल नियंत्रण उपाय:

सभी निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का प्रयोग

500 वर्गमीटर से बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए डस्ट मैनेजमेंट प्लान अनिवार्य

कचरा जलाने पर प्रतिबंध:

पत्तों, प्लास्टिक या अन्य अपशिष्ट का खुला जलाना पूरी तरह वर्जित

धुएं वाले ईंधन पर रोक:

सड़क किनारे फूड स्टॉल और कमर्शियल किचन में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध

होटल-रेस्टोरेंट को केवल बिजली, गैस या स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना होगा

डीजल जनरेटरों का सीमित उपयोग:

केवल आपातकालीन या आवश्यक सेवाओं में ही डीजल जेनरेटर की अनुमति

वाहनों पर सख्ती:

10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन प्रतिबंधित

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना या जब्ती

यातायात नियंत्रण:

प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती

लाल बत्ती पर इंजन बंद रखने के निर्देश

स्वास्थ्य पर गंभीर असर: "दिल्ली की हवा = 10 सिगरेट रोजाना"

डॉक्टरों का कहना है कि इतनी प्रदूषित हवा में सांस लेना, रोजाना करीब 10 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदायक है. लंबे समय तक संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, COPD और हृदय रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

सर्दियों में क्यों बिगड़ती है दिल्ली की हवा?

वाहनों से निकलता धुआं, पराली जलाना, पटाखे और स्थानीय प्रदूषण स्रोत मिलकर हवा को और जहरीला बना देते हैं. साथ ही, ठंडी और नमी वाली मौसम स्थितियां प्रदूषकों को हवा में बनाए रखती हैं.

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के लिए पंजाब, हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं को दोषी बताया जाता है. मगर इस बार दोनों राज्यों में पराली की घटनाएं बहुत कम सामने आ रही हैं. इसके बावजूद दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में इजाफा गंभीर चिंता की बात है. गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को दोषी नहीं माना जाता जबकि उस धुएं का भी प्रदूषण में बड़ा रोल है.

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