Cash Crop Business Idea: खेती को बनाएं बिजनेस, इन फसलों से लाखों में कमा सकते हैं मुनाफा

Cash Crop Business Idea: खेती को बनाएं बिजनेस, इन फसलों से लाखों में कमा सकते हैं मुनाफा

नकदी फसलें कई कृषि अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि वे किसानों के लिए आय का एक स्रोत प्रदान करती हैं और देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान दे सकती हैं. नकदी फसलों की पसंद जलवायु, मिट्टी की स्थिति, बाजार की मांग और सरकारी नीतियों जैसे कारकों के आधार पर अलग हो सकती है.

Cash Crop Business Idea Cash Crop Business Idea
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Oct 17, 2023,
  • Updated Oct 17, 2023, 12:03 PM IST

नकदी फसल वह फसल है जो मुख्य रूप से अपने इस्तेमाल के लिए ना उगाकर बाजार में बिक्री के लिए उगाई जाती है. इन फसलों की खेती और कटाई आय उत्पन्न करने के प्राथमिक उद्देश्य से की जाती है, और इनका आमतौर पर स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार या बिक्री की जाती है. नकदी फसलें कई कृषि अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि वे किसानों के लिए आय का एक स्रोत प्रदान करती हैं और देश के समग्र आर्थिक विकास में योगदान दे सकती हैं. नकदी फसलों की पसंद जलवायु, मिट्टी की स्थिति, बाजार की मांग और सरकारी नीतियों जैसे कारकों के आधार पर अलग हो सकती है.

इसे ध्यान में रखकर अगर खेती की जाए तो यह किसानों के लिए फायदे का सौदा बन सकती है. आइए कैश क्रॉप से जुड़े बिजनेस आइडिया के बारे में विस्तार से जानते हैं.

कपास की खेती

भारत में सबसे बड़ा संगठित उद्योग कपड़ा उद्योग है. कपड़ा उद्योग की अधिकांश आवश्यकताएँ कपास से पूरी होती हैं. भारत में कपास की खेती का क्षेत्रफल विश्व में सबसे बड़ा है. कुल उत्पादन या प्रति उत्पादन की दृष्टि से भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. भारत में कपास उत्पादन में गुजरात प्रथम स्थान पर है. यह कुल उत्पादन का 34 प्रतिशत है. प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पंजाब भी शामिल हैं. कपास की खेती काली या रेगुर मिट्टी में की जाती है. कपास की दो किस्में पाई जाती हैं, 1. देशी कपास 2. अमेरिकी कपास.

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जूट की खेती

जूट एक रेशेदार फसल है. इसके रेशों का उपयोग बोरे, कालीन, तंबू, तिरपाल, टाट, रस्सियाँ, निम्न स्तर के कपड़े, कागज, टाट, पैकिंग कपड़े, कालीन, पर्दे, घरेलू सजावट के सामान, अस्तर और रस्सियाँ बनाने में किया जाता है. इसके डंठल का उपयोग जलाने के लिए किया जाता है तथा इससे बारूदी कोयला भी बनाया जा सकता है. भारत में जूट उत्पादन में पश्चिम बंगाल प्रथम स्थान पर है. कुल जूट उत्पादन का 70 प्रतिशत उत्पादन यहीं होता है. जूट उत्पादन में गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा का एकाधिकार है.

चाय की खेती

भारत में चाय की खेती सबसे पहले 1834 में अंग्रेजों द्वारा असम घाटी में शुरू की गई थी. आज असम भारत का शीर्ष चाय उत्पादक राज्य है. कुल चाय उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादन यहीं होता है. चाय की खेती असम की सूरमा और ब्रह्मपुत्र घाटी में की जाती है. चाय उत्पादन में असम के बाद पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है. भारत दुनिया के शीर्ष 3 चाय उत्पादक देशों में दूसरे स्थान पर है. जबकि पहले नंबर पर चीन और तीसरे नंबर पर केन्या आता है. चाय के पौधे से साल में तीन बार पत्तियाँ तोड़ी जाती हैं.

लैवेंडर की खेती

लैवेंडर की खेती को दुनिया भर में एक आकर्षक नकदी फसल माना जाता है. लैवेंडर की खेती काफी हद तक जलवायु और मिट्टी पर निर्भर करती है. लैवेंडर को सूर्य की रौशनी, ठंडे तापमान और उच्च आर्द्रता की आवश्यकता होती है.

बांस की खेती

बांस एक लोकप्रिय पौधा है. इसका इस्तेमाल घरों को सजाने के लिए भी किया जाता है. यह सबसे तेज़ विकास दर वाले पौधों में से एक है. एक बांस के जंगल से  आप 40 से अधिक वर्षों तक कटाई कर सकते हैं, और यह हर दिन चार इंच तक बढ़ सकता है. बाज़ारों इससे बने उत्पादिन की मांग हमेशा बनी रहती है. इसका इस्तेमाल कुर्सी, टेबल, पंखा, आदि बनाने में किया जाता है. 

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