सर्दी के मौसम में तिल का इस्तेमाल अधिकतर घरों में किया जाता है. तिल की तासीर गर्म होती है जिस वजह से सर्दियों में इसका इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाता है. कभी तिल के लड्डू हों या तिल की चिक्की बनाई जाती है. खासकर मकर संक्रांति के मौके पर काले तिल के लड्डू बनाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तिल दो तरह के क्यों होते हैं, काला या सफेद, आपके लिए कौन सा ज्यादा सेहतमंद है और किसान किसकी खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
दोनों तरह के तिलों में लगभग एक जैसे पोषक तत्व होते हैं. दोनों ही आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. लेकिन आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन आपके लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. सफेद तिल के मुकाबले काले तिल आयरन का बेहतर स्रोत होते हैं. इसमें फाइबर भी ज्यादा होता है, इसलिए इसका सेवन और भी फायदेमंद होता है. तिल ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत है. तिल उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनका वजन ज्यादा है क्योंकि इससे उन्हें ऊर्जा, फाइबर और हेल्दी फैट मिलता है. काले तिल के फ़ायदों को देखते हुए बाजार में इसकी मांग काफी अधिक है. जिस वजह से काले तिल की खेती कर किसान अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
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पोषक तत्वों के नाम | सफेद तिल | काला तिल |
आयरन | 7.50mg | 19.00mg |
मैग्नीशियम | 346mg | 450mg |
फास्फोरस | 774mg | 780mg |
पोटैशियम | 406mg | 566mg |
जिंक | 10.23mg | 9.16mg |
प्रोटीन | 16.96g | 22.50g |