Tariff War: खुद रूस के साथ बिजनेस और हमें बना रहे निशाना, 6 जवाबों से भारत ने खोली ट्रंप और अमेरिका की पोल   

Tariff War: खुद रूस के साथ बिजनेस और हमें बना रहे निशाना, 6 जवाबों से भारत ने खोली ट्रंप और अमेरिका की पोल   

ट्रंप ने पिछले दिनों भारत पर सात अगस्‍त पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. सोमवार को भारत की तरफ से जो जवाब दिया गया है उसे अब तक की सबसे तीखी प्रतिक्रिया करार दिया जा रहा है. भारत ने 6 प्‍वाइंट्स वाले जवाब में साफ कर दिया है कि सिर्फ उसे बनाना ' गलत' और देश अपने 'राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा' की रक्षा के लिए 'सभी जरूरी उपाय' करेगा.

'It is impossible to stop buying Russian oil overnight,' India is adamant despite Trump's warning, claims report.'It is impossible to stop buying Russian oil overnight,' India is adamant despite Trump's warning, claims report.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 05, 2025,
  • Updated Aug 05, 2025, 10:02 AM IST

ऐसा लगता है कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बार-बार भारत को टैरिफ की धमकी देने के आदी हो चुके हैं. सोमवार उन्‍होंने भारत को फिर से डराने की कोशिश की और भारत ने भी उन्‍हें अच्‍छे से हकीकत से वाकिफ करा दिया. सोमवार को ट्रंप की एक और टैरिफ धमकी का जवाब विदेश मंत्रालय ने दिया. विदेश मंत्रालय ने ट्रंप को बताया कि किस तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका और यूरोप के देश तेल और गैस की खरीद कर रहे हैं लेकिन भारत पर उंगली उठाना जैसे उनकी आदत में शुमार हो गया है. 

'राष्‍ट्रीय हित में हर उपाय करेंगे' 

ट्रंप ने पिछले दिनों भारत पर सात अगस्‍त पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. सोमवार को भारत की तरफ से जो जवाब दिया गया है उसे अब तक की सबसे तीखी प्रतिक्रिया करार दिया जा रहा है. भारत ने 6 प्‍वाइंट्स वाले जवाब में साफ कर दिया है कि सिर्फ उसे बनाना ' गलत' और देश अपने 'राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा' की रक्षा के लिए 'सभी जरूरी उपाय' करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रणधीर जायसवाल ने एक-एक करके बताया कि कैसे न सिर्फ अम‍ेरिका बल्कि यूरोप भी भारत के लिए डबल स्‍टैंडर्ड अपनाने का आदी रहा है. एक नजर डालिए कि कैसे विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की पोल जवाब दर जवाब खोली है. 

जवाब नंबर 1

यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (ईयू) भारत पर निशाना साध रहे हैं. दरअसल, भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी. उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था. 

जवाब नंबर 2 

भारत के आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और सस्‍ती एनर्जी सप्‍लाई सुनिश्चित करना है. ग्‍लोबल मार्केट की स्थिति के कारण ये एक अनिवार्य आवश्यकता है. हालांकि, यह बात साफ है कि भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार में शामिल हैं. हमारे मामले के अलग उनका ऐसा व्यापार कोई महत्वपूर्ण राष्‍ट्रीय मजबूरी भी नहीं है. 

जवाब नंबर 3

2024 में यूरोनियन यूनियन का रूस के साथ वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 अरब यूरो था. इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का व्यापार 17.2 अरब यूरो होने का अनुमान है. यह उस वर्ष या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी ज्‍यादा है. 2024 में यूरोपीय एलएनजी का आयात रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया. 

जवाब नंबर 4 

यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं. 

जवाब नंबर 5

जहां तक अमेरिका कासवाल है तो वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरकों के साथ-साथ रसायनों का आयात जारी रखे हुए है. 

जवाब नंबर 6

इस पृष्ठभूमि में, भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है. किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा. 

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