Avocado City: अब भारत के इस राज्‍य में है एवोकैडो सिटी, खेती कर किसान कमा रहे बंपर मुनाफा 

Avocado City: अब भारत के इस राज्‍य में है एवोकैडो सिटी, खेती कर किसान कमा रहे बंपर मुनाफा 

Avovacado City: बटर फ्रूट के तौर पर मशहूर एवोकाडो इस क्षेत्र के किसानों के लिए उम्‍मीद की नई किरण बन गया है. वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर कम से कम निवेश और 5,000 से 50,000 रुपये प्रति पौधा तक के होने वाला फायदा एवोकाडो की खेती करने वाले किसानों के लिए लाइफलाइन बन गया है, खासतौर पर तब जब बाकी फसलें फेल हो रही हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 04, 2025,
  • Updated Aug 04, 2025, 2:35 PM IST

एवोकाडो को कभी विदेशी फल माना जाता था और ऐसा समझा जाता था कि इसकी खेती भारत में नहीं हो सकती है. लेकिन अब यह धारणा बदल गई है और केरल तक के किसान एवोकाडो से अच्‍छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. केरल के अंबालावायल जो कि वायनाड में आता है, अब फलती-फूलती एवोकाडो खेती के लिए मशहूर हो गया है. अब केरल के इस अंबालावायल को आधिकारिक तौर पर एवोकाडो सिटी का नाम दिया गया है. पिछले दिनों केरल के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने एवोकाडो की खेती और मार्केटिंग के क्षेत्र में इसके आगे बढ़ने की तारीफ की और इसे इस नए नाम से नवाजा. 

जून जुलाई में जमकर एक्‍सपोर्ट 

बटर फ्रूट के तौर पर मशहूर एवोकाडो इस क्षेत्र के किसानों के लिए उम्‍मीद की नई किरण बन गया है. वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर कम से कम निवेश और 5,000 से 50,000 रुपये प्रति पौधा तक के होने वाला फायदा एवोकाडो की खेती करने वाले किसानों के लिए लाइफलाइन बन गया है, खासतौर पर तब जब बाकी फसलें फेल हो रही हैं. हर साल, विशेष रूप से जून और जुलाई के दौरान, अंबालावाया से टनों एवोकाडो का निर्यात किया जाता है. ऐसे में कृषि केंद्र के तौर पर इसकी प्रतिष्ठा और बढ़ रही है. 

एवोकाडो फेस्टिवल का आयोजन 

वेबसाइट मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार वायनाड को एक ब्रांडेड एवोकाडो उत्पादक क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है. इसकी शुरुआत एवोकाडो फेस्टिवल से हो गई है. अंबालावायल ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष के. शमीर ने बताया कि इस फेस्टिवल का मकसद एवोकाडो की खेती को बढ़ाना है. उन्‍होंने इस बात की तरफ भी ध्‍यान दिलाया कि कैसे एवोकाडो की मेट्रोपोलिटन सिटीज में मांग बढ़ती जा रही है. ऐसे में अगर इसकी खेती बढ़ती है तो किसानों की आय में भी इजाफा होगा. 

किसानों को दी गई खास ट्रेनिंग 

दो दिनों तक चले एवोकाडो फेस्टिवल में करीब 500 किसान शामिल हुए जिससे उनमें इसकी खेती के लिए रुचि बढ़ी और आत्मविश्वास भी जागा. विशेषज्ञों ने एवोकाडो की खेती की आर्थिक संभावनाओं और वैज्ञानिक तरीकों पर ट्रेनिंग सेशन भी आयोजित किए थे. अंबालावायल क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (आरएआरएस), कृषि विज्ञान केंद्र, वायनाड हिल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और अंबालावायल ग्राम पंचायत की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में न सिर्फ केरल बल्कि दूसरे राज्यों के किसानों ने भी हिस्‍सा लिया. किसानों ने इसमें शामिल होकर जाना कि कैसे वो एवोकाडो के प्रॉडक्‍ट्स के साथ नई संभावनाओं को तलाश सकते हैं और मुनाफा बढ़ा सकते हैं. 

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