Bihar News: बिहार में विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती होती है, जिनमें गन्ना किसानों की आर्थिक समृद्धि का एक प्रमुख स्रोत है. ऐसे में किसानों और गुड़ इकाइयों के हित में ठोस कदम उठाते हुए बिहार सरकार के गन्ना उद्योग विभाग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने मंगलवार को गुड़ इकाइयों के लिए ऑनलाइन लाइसेंसिंग पोर्टल का शुभारंभ किया. पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि अब गुड़ इकाइयों के लिए आवश्यक लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है. इससे किसानों और उद्यमियों को विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, और वे घर बैठे अपने आवेदन की स्थिति जान सकेंगे और दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे.
बिहार के गन्ना किसानों को उन्नत बीज और आधुनिक खेती की तकनीकों का लाभ देने के उद्देश्य से गन्ना विभाग जल्द ही पूसा गन्ना अनुसंधान संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रहा है. गन्ना विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने बताया कि इस सेंटर के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी. इसके साथ ही, गुड़ इकाइयों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर विभागीय कार्य शुरू कर दिया गया है.
विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वर्तमान में बिहार में 10 चीनी मिलें चालू हैं, जबकि 8 चीनी मिलें बंद हैं. इन बंद मिलों को उद्योग विभाग की इकाई बियाडा (BIADA) को ट्रांसफर कर दिया गया है, ताकि उनके स्थान का इस्तेमाल अन्य उद्योग लगाने करने के लिए किया जा सके. उन्होंने बताया कि बंद मिलों को फिर से शुरू करने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन कोई सही निवेशक नहीं मिला. साथ ही, चार अन्य चीनी मिलों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
गन्ना उद्योग विभाग अब कृषि विभाग की तर्ज पर योजनाएं बना रहा है, ताकि किसानों को अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके तहत गन्ना किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे न केवल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि लागत भी कम होगी. यह प्रयास किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.