हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को प्रदेश के मिल्क प्लांट एसोसिएशन और मिल्क प्लांट मालिकों से मुलाकात की. एसोसिएशन और प्लांट मालिकों ने दूध सेस (Milk Cess) के भुगतान में देरी पर जुर्माना सहित ब्याज 2 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज प्रति माह (24 प्रतिशत प्रतिवर्ष) की दर से घटाकर 12 प्रतिशत साधारण ब्याज प्रतिवर्ष करने के निर्णय के लिए सीएम का आभार जताया. इस दौरान कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी. इसमें प्रदेश के डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा कैबिनेट ने हरियाणा मुर्रा भैंस और अन्य दुधारू पशु नस्ल नियम, 2002 के नियम 21 के उपनियम 1 और 2 में संशोधन के लिए मंजूरी दी है. हरियाणा मिल्क प्लांट एसोसिएशन और मिल्क प्लांट मालिकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अनुरोध किया था कि राज्य भर में मिल्क प्लांटों के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए मौजूदा नियमों में संशोधन किया जाए.
यह संशोधन दूध प्रसंस्करण उद्योगों पर वित्तीय दबाव को कम कर, सुचारू संचालन सुनिश्चित करते हुए डेयरी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. नए प्रावधानों के तहत, किसी भी दंड के साथ-साथ शुल्क या उपकर के किसी भी लेट भुगतान पर भुगतान की नियत तिथि से 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज लगेगा. डिफॉल्ट राशि का भुगतान तभी माना जाएगा, जब मूल राशि और ब्याज दोनों का भुगतान कर दिया गया हो.
इस संशोधन से डेयरी उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा, मिल्क प्लांट चलाने में आसानी होगी और मिल्क प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में एक प्रमुख प्लेयर के रूप में हरियाणा की स्थिति मजबूत होगी. इस मौके पर हरियाणा मिल्क प्लांट एसोसिएशन के उप प्रधान विपिन गुप्ता, करनाल डेयरी मिल्क फूड लिमिटेड से ज्ञान प्रकाश गुप्ता, विटा अम्बाला के सीईओ राकेश कुमार, साबर डेयरी रोहतक अमूल से देवेंद्रर पुनिया, लक्ष्य डेयरी जींद से बलजीत रेडू सहित विभिन्न मिल्क प्लाटों के प्रतिनिधि मौजूद थे.