सब्जी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग तरह की सब्जियों को खाना पसंद करते हैं. ऐसे में पूरे साल मार्केट में सब्जियों की डिमांड रहती है. खास बात यह है कि सभी सब्जियों की कई अलग-अलग किस्में भी हैं. इन किस्मों की पैदावार छमता भी अलग-अलग होती है. ऐसी ही एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम कोणार्क PSBK-1 है. इसकी खेती ठंड के दिनों में की जाती है. दरअसल, ये फूलगोभी की एक खास किस्म है. इसे लोग कई अलग-अलग प्रकार से इस्तेमाल करते हैं. साथ ही किसान फूलगोभी की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं फूलगोभी की किस्म PSBK-1 की खासियत. इसके अलावा ये भी जानेंगे कि फूलगोभी की 5 उन्नत वैरायटी कौन सी हैं?
PSBK-1:- फूलगोभी के PSBK-1 किस्म को दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है. गोभी की ये किस्म 250 से 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है. इस किस्म की गोभी का वजन एक से डेढ़ किलोग्राम का होता है. वहीं, इसे तैयार होने में 85 से 95 दिनों का समय लगता है. इस किस्म का स्वाद भी बहुत बेहतर होता है.
हिमरानी:- गोभी की इस किस्म की खेती सितंबर महीने में की जाती है. इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी बेहतर होती है. इस किस्म की उपज औसतन 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. गोभी की ये किस्म 80 से 85 दिनों में तैयार हो जाती है.
पुष्पा:- इस किस्म को दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है. गोभी की ये किस्म 250 से 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है. इस किस्म की गोभी का वजन एक से डेढ़ किलोग्राम होता है. वहीं इसे तैयार होने में 85 से 95 दिनों का समय लगता है.
पूसा सुभ्रा:- गोभी के इस किस्म की खेती सितंबर महीने में की जाती है. इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी बेहतर होती है. इस किस्म की उपज औसतन 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. इस गोभी का वजन 700 से 800 ग्राम का होता है. गोभी की ये किस्म 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाती है.
पूसा हिम ज्योति:- इस किस्म को किसी भी मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है. गोभी की ये किस्म 160 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है. इस किस्म की गोभी का वजन एक से 500-600 ग्राम होता है. वहीं इसे तैयार होने में 60 से 75 दिनों का समय लगता है.
फूलगोभी की खेती करने के लिए ध्यान रखें कि आपके खेत की मिट्टी बलुई और दोमट हो. वहीं, खेत ऐसा हो जिसमें पानी ना रुके. साथ ही गोभी की रोपाई से पहले खेत की जुताई भी अच्छे से करें और गोबर की खाद भी जरूर डालें. इसके बाद आप गोभी की उन्नत किस्मों के पौधे को अपने खेत में लगा दें. कुछ ही दिनों में आपकी गोभी की फसल तैयार हो जाएगी.