भारत में लगभग सभी चीजों को नाम और उपाधि दी जाती है. जैसे शहरों की बात करें तो पिंक सिटी ऑफ इंडिया. फलों का राजा आम, वैसे ही फसलों को भी उपाधी ही जाती है. फसलों में ऐसी ही एक उपाधी है “अनाज की रानी“. बहुत से लोगों को नहीं पता होगा कि आखिर किस फसल को “अनाज की रानी“ कहा जाता हैं? दरअसल अनाज का राजा तो चावल को कहा जाता है. वैसे ही अनाजों की रानी भी होती है. पर कया आप जानते हैं आखिर कौन सी फसल आजानों की रानी है, आइए जानते हैं. कौन सी फसल है “अनाज की रानी“ और क्या हैं इसके खासियत.
बात चाहे पोषक तत्वों की हो या उसकी उपयोगिता की. बेहतर उपज की बात करें या सहफसली खेती की हर मौसम (रबी, खरीफ और जायद) साथ ही हर तरह की भूमि में होने वाले मक्के का कोई जवाब नहीं. जी हां मक्के को ही फसलों की रानी कहा जाता है. इसकी खूबियां यही खत्म नहीं होती हैं. मक्के में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेड, शुगर, वसा, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं.
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इसके साथ ही आटा, धोकला, बेबी कार्न और पाप कार्न के रूप में तो ये खाया ही जाता है. वहीं किसी न किसी रूप में ये हर सूप का अनिवार्य हिस्सा भी है. इस लिहाज से मक्का की खेती कुपोषण के खिलाफ जंग साबित हो सकती है. यही वजह है कि इसे अनाजों की रानी कहा गया है.
बदलते मौसम के इस दौर में मक्के की खेती का महत्व बढ़ जाता है. यूं भी धान और गेहूं के बाद मक्का सर्वाधिक रकबे में बोई जाने वाली फसल है. उपज के मामले में अमेरिका, चीन, ब्राजील, अर्जेटीना, यूक्रेन के बाद भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. वहीं भारत में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश मक्का के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं.
मक्का का सेवन करने से शरीर को कई तरह से लाभ मिलता है. कई सारे पोषक तत्वों के गुणों से भरपूर मक्का स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है. मक्का खाने से हड्डियां मजबूत होती है, साथ ही ये मक्का एनीमिया से बचाव करने में भी मदद करता है. मक्के का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. साथ ही इसके कई प्रोडक्टस भी बनाए जाते हैं, जैसे दवा, कास्मेटिक, गोद, वस्त्र, पेपर और एल्कोहल इंडस्ट्री में भी इसका प्रयोग होता है. मक्के की बहुउपयोगिता इसे बाकी फसलों से बेहतर बनाती है.