एग्री इनपुट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी यूपीएल लिमिटेड (UPL Ltd) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में अपने घाटे को काफी हद तक कम किया है. कंपनी ने बताया कि इस तिमाही में उसका घाटा 384 करोड़ रुपये से घटकर 88 करोड़ रुपये रह गया है. इसका मुख्य कारण कंपनी के कुल राजस्व में बढ़ोतरी और बेहतर मूल्य निर्धारण रहा.
कंपनी का कुल कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 19,216 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की पहली तिमाही के 19,067 करोड़ रुपये से 2 फीसद ज्यादा है. राजस्व में इस वृद्धि का कारण बेहतर प्राइसिंग और विदेशी मुद्रा विनिमय में अनुकूल बदलाव बताया गया है.
कंपनी का EBITDA (ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) ₹1,303 करोड़ रहा, जो कि पिछले साल की समान तिमाही के ₹1,145 करोड़ से 14% ज्यादा है. यह कंपनी की बेहतर लागत नियंत्रण और मजबूत मार्जिन को दर्शाता है.
यूपीएल के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ जय श्रॉफ ने कहा: “हमें FY26 की अच्छी शुरुआत करने की खुशी है. सभी प्लेटफॉर्म्स ने मार्जिन और कैश जनरेशन में सुधार किया है. यह हमारी दीर्घकालिक मूल्य निर्माण की दिशा को मजबूत करता है.”
शुक्रवार को यूपीएल का शेयर 6.1% गिरकर ₹660 पर बंद हुआ था, लेकिन सोमवार को कंपनी के नतीजों के बाद इसमें 7% की तेजी आई और यह 712 रुपये पर बंद हुआ.
यूपीएल ने Q1 में घाटा काफी हद तक कम कर लिया है और भारत में विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया है. कंपनी के बिजनेस सेगमेंट्स में मजबूत ग्रोथ और मैनेजमेंट की रणनीति इसे स्थायी विकास की ओर ले जा रही है. निवेशकों और किसानों-दोनों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है.