Agri Quiz: किस सब्जी की किस्म है वर्षा उपहार, इसकी उन्नत वैरायटी कौन-कौन सी हैं?

Agri Quiz: किस सब्जी की किस्म है वर्षा उपहार, इसकी उन्नत वैरायटी कौन-कौन सी हैं?

मार्केट में पूरे साल हरी सब्जियों की डिमांड रहती है. साथ ही कई सब्जियों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है वर्षा उपहार? और इसकी उन्नत वैरायटी कौन-कौन सी है?

वर्षा उपहार वैरायटीवर्षा उपहार वैरायटी
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jun 27, 2024,
  • Updated Jun 27, 2024, 1:52 PM IST

सब्जी सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. लोग हमेशा खुद को सेहतमंद रखने के लिए अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को खाते हैं. इसलिए मार्केट में भी पूरे साल हरी सब्जियों की डिमांड रहती है. साथ ही कई सब्जियों की ऐसी किस्में हैं जो उनकी खासियत को बढ़ा देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है वर्षा उपहार और कैसे करते हैं इसकी खेती. आपको बता दें, गर्मी और बरसात के दिनों में बाजार में मिलने वाली सब्जी भिंडी की किस्म है वर्षा उपहार वैरायटी. भिंडी की इस किस्म की किसानों में खूब डिमांड रहती है. किसान इसकी खेती कर बेहतर उपज और कमाई करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं वर्षा उपहार वैरायटी की क्या है खासियत और कैसे करें इसकी खेती.

भिंडी की कौन सी है उन्नत वैरायटी

भिंडी एक लोकप्रिय सब्जी है. सब्जियों में भिंडी का प्रमुख स्थान है जिसे लोग लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी जानते हैं. भिंडी की सब्जी तो आपने खाई ही होगी. कुछ लोग भिंडी की भुजिया बनाते हैं तो कुछ भरवा भिंडी खाना पसंद करते हैं. वहीं, बात करें इसकी उन्नत वैरायटी की तो वर्षा उपहार, काशी लालिमा, काशी चमन, पूसा-5 और अर्का अनामिका किस्म शामिल हैं, जिनकी खेती करके किसान बेहतर कमाई कर सकते हैं.

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वर्षा उपहार किस्म की खासियत

भिंडी की वर्षा उपहार किस्म पीलिया रोगरोधी क्षमता वाली है. इसकी पैदावार 40 क्विंटल प्रति एकड़ है. इसके पौधे मध्यम, लंबे होते हैं. साथ ही इसके फल लंबे सिरे वाले चमकीले मध्यम मोटाई वाले और 5 कोरों वाले होते हैं. यह किस्म 45 दिन में फल देना शुरू कर देती है और करीब 6 महीने तक मिलते रहते हैं.

इस विधि से करें भिंडी की खेती

भिंडी की बुवाई करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इसकी बुवाई सीधी लाइन में ही करनी चाहिए. आजकल एक और ट्रेंड चल रहा है की उठी हुई क्यारियों में इसकी बुवाई की जाती है. इसमें कम से कम 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंची मेड बनाकर इसकी बुवाई करनी चाहिए. इसके कई फायदे होते हैं जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा पौधों को मिलती रहती है. वहीं, गर्मी वाली भिंडी की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. बुवाई के बाद बारी आती है सिंचाई व्यवस्था की अगर खेत में नमी न हो तो बुवाई के पहले एक सिंचाई करनी चाहिए. इसके बाद 8 से 10 दिन के बाद सिंचाई की जरूरत होती है.

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