लोग स्वस्थ रहने के लिए फल खाते हैं, जिसमें ज्यादातर लोग सेब, केला और अनार को ही शरीर के लिए सबसे लाभदायक फल मानते हैं. लेकिन एक फल ऐसा भी है जिसे 'गरीबों का सेब' कहा जाता है. इस फल का नाम है अमरूद. अमरूद का पेड़ आपको सड़कों के किनारे दिख जाता है. बागों में भी इसे लगाते हैं और फल लेते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि इस फल को खाने के कितने फायदे हैं? साथ ही इसकी पत्तियां भी कई रोगों में लाभकारी है.
अमरूद एक प्रसिद्ध फल है जिसका उपयोग आमतौर पर स्वादिष्ट फल और फल से तैयार प्रोडक्ट के रूप में किया जाता है. इसके कई उपयोग और पोषण मूल्य को ध्यान में रखते हुए लोग इसे गरीबों का सेब कहते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी खासियत और फायदे.
पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण अमरूद को 'गरीब का सेब' कहा गया है. गुणों के मामले में इसके फल सेब से भी अच्छे माने गए हैं. इसमें संतरे की तुलना में चार गुना अधिक विटामिन सी और तीन गुना अधिक प्रोटीन होता है. इसके अलावा अनानास से चार गुना अधिक फाइबर, टमाटर से दो गुना अधिक लाइकोपीन और केले की तुलना में थोड़ा अधिक पोटेशियम होता है. इसके अलावा इसमें अनेक औषधीय गुण भी हैं. फलों के अलावा इसकी पत्तियां भी काफी फायदेमंद होती हैं. इसकी पत्तियों को खाने से उल्टी, दस्त के अलावा दांतों में कीड़े या किसी भी दर्द में इसके पत्तों को चबाने से आराम मिलता है.
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अमरूद की खेती कई प्रकार की मिट्टी और जलवायु में आसानी से की जा सकती है. सर्दियों के मौसम में अमरूद अधिक और सस्ता मिलता है. यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद फल है. इसमें विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा विटामिन ए और बी भी पाया जाता है. अमरूद की जेली और बर्फी (पनीर) बनाई जाती है. इसे लंबे समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है. इस वजह से अमरूद की मांग हमेशा बनी रहती है.
अमरूद की खेती पूरे भारत में की जाती है. वहीं आपको बता दें कि पहले सामान्य अमरूद हुआ करते थे, अब बड़े अमरूद के अलावा अंदर से लाल और गुलाबी अमरूद भी मिलने लगे हैं. यह विदेशी फल है लेकिन भारत की मिट्टी में यह ऐसे रचा-बसा है कि आज दुनिया में अमरूद की सबसे अधिक खेती भारत में होती है. इसके बाद चीन, थाइलैंड, पाकिस्तान आदि देशों में यह उगाया जाता है. भारत में सबसे अधिक इसकी खेती बिहार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में होती है.