Agri Quiz: किस फसल की वैरायटी है गिरिराज, इसकी अन्य किस्मों के बारे में भी जानें

Agri Quiz: किस फसल की वैरायटी है गिरिराज, इसकी अन्य किस्मों के बारे में भी जानें

भारत में अलग-अलग फसलें अपनी अलग-अलग पहचान के लिए जानी जाती हैं. कई फसलें अपने अनोखे नाम के लिए तो कई अपने स्वाद और खास पहचान के तौर पर जानी जाती हैं. ऐसी है एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम गिरिराज है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

किस फसल की वैरायटी है गिरिराजकिस फसल की वैरायटी है गिरिराज
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Sep 19, 2024,
  • Updated Sep 19, 2024, 12:30 PM IST

भारत खेती-किसानी और विविधताओं से भरा देश है. यहां अलग-अलग फसलें अपनी खास पहचान की वजह से जानी जाती हैं. वहीं, कई फसलें अपने अनोखे नाम के लिए तो कई अपने स्वाद के लिए मशहूर होती हैं. ऐसी है एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम गिरिराज है. दरअसल, ये वैरायटी सरसों की एक खास किस्म है, जिसकी खेती रबी सीजन में जाती है. है. वहीं, बात करें सरसों की तो ये रबी फसल की एक प्रमुख तिलहन फसल है. सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय खेती है. इस फसल की खेती कम सिंचाई और कम लागत में आसानी से हो जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं सरसों की कौन-कौन सी उन्नत किस्में हैं?

सरसों की पांच उन्नत किस्में

गिरिराज किस्म: सरसों की गिरिराज किस्म की विशेषता ये है कि यह किस्म 130 से 140 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इस किस्म के सरसों में प्रोटीन, फाइबर और खनिजों सहित पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता है. इस किस्म की फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा होता है.

RH-761 किस्म: सरसों के इस किस्म की खासियत कम सिंचाई की जरूरत वाली है. वहीं ये पाले के प्रति सहनशील होती है. इस किस्म में किसानों को 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिलता है. इसमें 45 से 55 दिन में फूल आने लगते हैं. इस फसल को तैयार होने में 136 से 145 दिन का समय लगता है.

आर एच 30 किस्म: सरसों की ये किस्म हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान क्षेत्रों के लिए सबसे बेहतर होती है. ये किस्म सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. ये किस्म 130 से 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. अगर 15 से 20 अक्टूबर तक इस किस्म की बुवाई कर दी जाए तो उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल सकती है. इसमें तेल की मात्रा लगभग 39 प्रतिशत तक होती है.

RH-725 किस्म: सरसों की ये किस्म 136 से 143 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है. दानों का आकार मोटा होता है. इसके अतिरिक्त इसकी फलियों वाली शाखाएं लंबी होती हैं और उनमें फुटाव भी ज्यादा होती है.

राज विजय सरसों-2: सरसों की ये किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए उपयुक्त है. फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की अक्टूबर में बुवाई करने पर 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार मिलती है. इसमें तेल की मात्रा 37 से 40 प्रतिशत तक होती है.

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