यूपी के बांदा में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. सोशल मीडिया में आ रही तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से समझ सकते हैं कि खाद गोदामों पर कैसे हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ मौजूद है और लंबी लंबी लाइन लगी हुई हैं. आलम ऐसा है कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस लगानी पड़ी है. घंटों लाइन में लगने के बाद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. किसानों ने खाद की कालाबाजारी के साथ विभागीय अफसरों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है.
इस मामले में बांदा के जिलाधिकारी (डीएम) ने दावा किया है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. उन्होंने कहा, हम हर किसान को खाद देंगे. किसानों को जितनी जरूरत है उतनी ही खाद लें. वही डीएम ने ओवर रेटिंग और कालाबाजारी करने वाले तीन दुकानदारों पर एक्शन लिया है. तीनों का लाइसेंस रद्द कर दिया है और कालाबाजारी करने वाले एक शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर खाद जब्त कर ली गई है.
बांदा में इन दिनों किसान संकट की स्थिति में खड़ा है. एक तरफ किसानों की फसलों को भीषण बारिश ने चौपट कर दिया. जो बची फसल है उसमें खाद और पानी की समस्या दिखने लगी है जिससे फसलें अब सूखती जा रही हैं. किसान खाद के लिए सुबह से ही क्रय केंद्रों में पहुंचकर लंबी-लंबी लाइन लगा लेते हैं. किसानों का कहना है कि रोजाना पिछले कई दिनों से लाइन लगाते हैं, लेकिन खाद नहीं मिलती. प्राइवेट दुकानों में महंगी दामों पर खाद बेची जा रही है. सरकारी केंद्रों में अफसर अपने चहेतों को खाद दे रहे हैं, लेकिन किसानों को नही दे रहे हैं. फिलहाल बांदा में समस्या जस की तस है. रोजाना हजारों किसान लाइन लगाने को मजबूर हैं.
वहीं जिला प्रशासन ने कालाबाजारी, ओवर रेटिंग करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की है. तीन का लाइसेंस निरस्त किया गया है. एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके 45 बोरी खाद जब्त की गई है.
DM जे रिभा ने बताया कि बांदा में 83 खाद केंद्र सरकारी हैं, 345 दुकानें प्राइवेट हैं. हमने सभी के साथ मीटिंग कर ली थी, हमारे पास पर्याप्त यूरिया और DAP की खाद उपलब्ध है. हम लगातार किसानों के लिए दुकानों पर नजर रख रहे हैं. तीन दुकानदारों का लाइसेंस निरस्त किया गया है, एक एफआईआर दर्ज की गई है. ओवर रेटिंग करने वाले कई दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है.
डीएम ने कहा, ब्लॉक से लेकर जिला स्तर की टीमें बनाई गई हैं जो लगातार छापेमारी कर रही हैं. हम टोकन सिस्टम के माध्यम से खाद बांट रहे हैं, हर खाद सेंटर पर राजस्व और पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है. शिकायत मिलते ही तुरंत एक्शन लिया जाता है. खाद सेंटरों में 50 से 100 लोगों को टोकन दिया जाता है, लेकिन बाकी बचे लोग विरोध कर रहे हैं. हम लगातार कोशिश कर रहे हैं, यदि किसी अफसर की संलिप्तता मिली तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.