उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने किसानों को नकली उर्वरक बेचने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. कार्रवाई के दौरान 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 500 बोरी से अधिक नकली और संदिग्ध डीएपी खाद बरामद की गई.
गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं:
- राहुल सिंघल (मुख्य सरगना), निवासी राजेंद्र नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद
- सुभाष सिंह, निवासी भैसा थाना रिफाइनरी, मथुरा
- जगन सिंह, निवासी इकराम नगर, कागारौल, आगरा
बरामद सामग्री में शामिल:
- 35 बैग भारत डीएपी (आईपीएल कंपनी मार्का)
- 450 बैग विराट भूमि शक्ति मार्का
- 550 बिना ब्रांडिंग वाले बैग
- 1200 खाली भारत डीएपी बैग
- 1000 बिना छपे खाली बैग
- 50 रील सिलाई धागे की
- 1 पैकिंग मशीन
- 1 ट्रक (RJ-05 GB-6212) और 1 बोलेरो (UP-85 CN-7497)
गिरफ्तारी और खुलासे:
- पहली गिरफ्तारी 15 अक्टूबर, सुबह 8:15 बजे, मथुरा के तारसी चौराहा से हुई.
- दूसरी गिरफ्तारी शाम 5:50 बजे, मुरादनगर, गाजियाबाद से की गई.
- एएसपी राकेश और निरीक्षक यतींद्र शर्मा के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने कार्रवाई की. जांच में सामने आया कि नकली डीएपी रींगस इंडस्ट्रियल एरिया, राजस्थान से लोड की जाती थी और मथुरा में सुभाष सिंह की दुकान पर पहुंचाई जाती थी.
मुख्य आरोपी राहुल सिंघल ने पूछताछ में बताया: कच्चा माल मुजफ्फरनगर से लाया जाता था. खाली बैग जयपुर और कोलकाता से मंगवाए जाते थे. नकली डीएपी उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों में बेची जाती थी. इस अवैध कारोबार से उन्हें 3-4 गुना मुनाफा होता था. गोदाम 25,000 रुपये प्रति माह किराए पर लिया गया था.
राहुल सिंघल का आपराधिक इतिहास:
- थाना किरावली, आगरा – आवश्यक वस्तु अधिनियम
- थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर – धारा 420, 467, 468, 471, कॉपीराइट एक्ट
- थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर – धारा 406, 420, 504, 506
- थाना मुरादनगर, गाजियाबाद – आवश्यक वस्तु अधिनियम व बीएनएस की धारा 318(2)
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया:
जिलाधिकारी मथुरा और गाजियाबाद से अभियोग की अनुमति प्राप्त हो गई है. आरोपियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. नकली खाद के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं.
कार्रवाई स्थानीय पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने पूरी की. एसटीएफ की इस बड़ी सफलता से राज्य भर में किसानों को ठगने वाले खाद माफिया नेटवर्क पर करारा प्रहार हुआ है.