शकरकंद एक मीठी जड़ वाली फसल है. शकरकंद की बाज़ार में हमेशा मांग बनी रहती है. आलू की तरह दिखने वाली शकरकंद की खेती अलग-अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इसे किसी भी समय में बोया जा सकता है. ऐसे में शकरकंद की ज्यादा पैदावार के लिए उसकी बेल का बेस्ट क्वालिटी का होना बहुत जरूरी है. अगर आप भी शकरकंद की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी के बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इसके बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
अभी के समय में किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर नकदी फसलें उगा रहे हैं. कमाई के लिहाज से भी किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं, क्योंकि इसका इस्तेमाल व्रत में किया जाता है. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन शकरकंद की भू-सोना के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
भू-सोना शकरकंद की अधिक उपज देने वाली किस्म है. ये किस्म ICAR- भारतीय शकरकंद अनुसंधान केंद्र (RCSS, भुवनेश्वर) द्वारा विकसित किया गया है. यह किस्म खास तौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो अच्छी पैदावार, स्वाद और स्वास्थ्य लाभ एक साथ चाहते हैं. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका गूदा गहरे पीले रंग का होता है और स्वाद में भी बेहद ही स्वादिष्ट और मीठा होता है. इसके साथ ही पकाने के बाद भी इसका रंग और स्वाद बना रहता है. इसके अलावा शकरकंद की ये किस्म जड़ सड़न, पत्तियों के रोग और कीटों से लड़ने की क्षमता रखती है.
अगर आप भी शकरकंद की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं, तो इसके 100 बेल फिलहाल 30 फीसदी की छूट के साथ 900 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से शकरकंद की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
शकरकंद की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करने के बाद खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें, ताकि उसमें मौजूद पुराने फसल अवशेष, खरपतवार और कीट नष्ट हो जाएं. इसके बाद 170 से 200 क्विंटल सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालकर दो से तीन बार खेत की जुताई करें. अंतिम जुताई रोटावेटर से करके खेत की मिट्टी को भुरभुरा और हवादार बना लें. उसके बाद शकरकंद की खेती करें.