अच्छे फसल उत्पादन के लिए जरूरी है किसान सही बीजों का चयन करें. सीधे शब्दों में कहें तो बीज शुद्ध होने चाहिए. खासकर खरीफ सीजन की बुवाई के समय किसान बड़ी मात्रा में धान, सोयाबीन, मूंगफली और मक्का सहित सब्जी और चारे वाली फसलों के बीजों की खरीदारी करते हैं. ऐसे समय में अक्सर बाजारों में मिलावट या नकली बीज मिलने का खतरा बना रहता है. ऐसे में किसान ठगी का शिकार हो सकते हैं. अगर किसान नकली या खराब बीज खरीद कर बोते हैं, तो बीजों के अंकुरण दर कम हो जाती है, जिससे फसल की वृद्धि और उत्पादन पर असर पड़ता है. इसलिए बीज खरीदते समय किसानों को हमेशा सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि वो नुकसान से बच सकें. ऐसे में अगर आप भी बीच खरीदने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें.
खेतों में फसल की बुवाई के लिए मिलावट के इस दौर में बीज खरीदते समय किसानों को एक्सपर्ट की सलाह का ध्यान रखना चाहिए. दरअसल, जांच परख कर बाजार से फसलों के बीज लेने चाहिए. क्योंकि अगर बीज खराब मिला तो किसान को बहुत नुकसान हो जाएगा, इसलिए बीज खरीदते समय सावधानी रखनी चाहिए.
बीज खरीदते समय ध्यान रखें कि जिस पैकेट में बीज पैक है उसमें बीज के बारे में पूरी जानकारी लिखी हो. फसल का नाम, लॉट नंबर, अंकुरण का प्रतिशत, वजन आदि. इसके अलावा उसकी पैकेजिंग की तारीख और बीज की एक्सपायरी डेट कब है ये सब लिखा देखें. अगर बीज की एक्सपायरी डेट नजदीक है, तो ऐसा बीज खरीदने से बचें.
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कंपनियों का सर्टिफाइड बीज लें. ऐसे बीजों में प्रमाण टैग होलोग्राम लगा होता है. उसमें कोड होता है, जिसको स्कैन करके बीज के बारे में पूरी जानकारी ली जा सकती है. इसके अलावा अच्छे बीज का रंग और बनावट एक समान होती है. वहीं, क्वालिटी युक्त बीज अलग ही साफ सुथरा दिखता है. उसमें चिकना और फफूंद से मुक्त होता है और खरपतवार नजर नहीं आता है.
बीज खरीदने के बाद दुकान से बीज का पक्का बिल जरूर बनवाएं. कुछ पैसों के लिए इसे नजरअंदाज बिल्कुल भी न करें. क्योंकि अगर खराब बीज लेने पर आपके पास पक्का बिल है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं. साथ ही कोशिश करें कि बीज सरकारी संस्था, बीज निगम या नेशनल बीज कॉरपोरेशन से लें.