
Kisan Tak Summit 2025: 'किसान तक' ने लखनऊ में आलू अधिवेशन आयोजित किया. इस कार्यक्रम को पूरी तरह से आलू पर आधारित रखा गया क्योंकि 30 मई को विश्व आलू दिवस भी है. इस खास मौके पर यूपीसीएआर के महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार सिंह ने कई अहम मसलों का जिक्र किया जिसमें बीज से लेकर कोल्ड स्टोरेज तक के मुद्दे शामिल हैं. इस आलू अधिवेशन में किसान से लेकर कृषि अधिकारी और कृषि विशेषज्ञ तक शिरकत कर रहे हैं और अपनी जानकारी साझा कर रहे हैं.
डॉक्टर संजय सिंह ने यहां पर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और इसके बाद उन्होंने अपने वक्तव्य में कई मसलों पर बात की. उन्होंने कहा कि आलू उत्पादन में बीज काफी महत्वपूर्ण हैं. आलू उत्पादन में गुणवत्ता का बीज भी काफी जरूरी है. उत्तर प्रदेश में मोदीपुरम में एक संस्थान है जो प्रजनन बीज पैदा करता है. यह बीज हार्टीकल्चर विभाग को दिया जाता है और फिर यहां से किसानों को दिया जाता है.
इसके अलावा कुछ और भी संस्थान हैं जो बीज पैदा करते हैं. इसके बाद सरकार ने एक शीत पार्क बनाने की घोषणा की है जो कि एक लखनऊ में होगा, आगरा, गोरखपुर और बनारस में होगा. यह सरकार कर एक बड़ा मिशन है जहां से किसानों को सभी फसलों के क्वालिटी बीज मुहैया कराए जा सकेंगे. 2025 के अंत में यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा और 2026 में किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिलने लगेंगे.
उनका कहना था कि कई नई प्रजातियों का उतना प्रचार-प्रसार नहीं होता जितना होना चाहिए. आलू में भंडारण एक बड़ा मसला है. आलू की प्रजातियां दो तरह की होती हैं और एक प्रजाति खाने की होती है और दूसरी बाकी चीजों में प्रयोग होती है. उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में भी अब आलू की खेती से जुड़ी रिसर्च होती हैं ताकि किसानों की आमदनी बढ़े. भारत आलू उत्पादन में नंबर दो पर है और यूपी में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. लेकिन जितना प्रोडक्शन होता है, किसानों को उतना लाभ नहीं मिल पाता है.
उन्होंने बताया कि साल 2022 में जब आलू का बहुत ज्यादा उत्पादन हुआ तो किसानों को कोल्ड स्टोरज में रखने की जगह हीं नहीं मिली. इसकी वजह से आलू का दाम काफी गिर गया था. इसके बाद सरकार ने कई कोल्ड स्टोरेज बनाए गए और किसानों को सरकार की नीति का फायदा भी हुआ. आलू को अगर सही भंडारण नहीं किया जाए तो वह जल्दी खराब हो सकता है. कोल्ड स्टोरेज की क्षमता को सरकार की तरफ से बढ़ाया गया है और साथ ही कुछ प्राइवेट कंपनियां भी इसमें आगे आई हैं.
संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आलू के भंडारण में बड़ी समस्या है. इस पर हम काम कर रहे हैं और इसमें देखा जा रहा है कि कितने दिन तक आलू की गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं. इस काम पर शोध चल रहा है. जब शोध हो जाएगा तो इससे फायदा होगा. शोध हो जाएगा तो इससे किसानों को फायदा होगा. सरकार की कोशिश है कि आलू को कैसे दुनिया में एक्सपोर्ट किया जाए. आगरा में इसके लिए एक सेंटर खोला जा रहा है जहां आलू के बीज उत्पादन पर काम होगा.
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