Kisan Tak Summit: आलू का भंडारण सरकार के सामने बड़ी चुनौती, आलू अधिवेशन में बोले उपकार के महानिदेशक

Kisan Tak Summit: आलू का भंडारण सरकार के सामने बड़ी चुनौती, आलू अधिवेशन में बोले उपकार के महानिदेशक

यूपीसीएआर के महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की. मंच पर उनका स्वागत इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर बी.वी राव ने किया. उन्हें पुष्प गुच्छ और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया.

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आलू का भंडारण सरकार के सामने बड़ी चुनौती, आलू अधिवेशन में बोले उपकार के महानिदेशकविश्व आलू दिवस पर डॉ. संजय कुमार सिंह ने किसानों से कही ये बातें... (World Potato Day)

World Potato Day: किसान तक के आलू अधिवेशन में यूपीसीएआर के महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आलू के भंडारण में बड़ी समस्या है. इस पर हम काम कर रहे हैं और इसमें देखा जा रहा है कि कितने दिन तक आलू की गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं. इस काम पर शोध चल रहा है. जब शोध हो जाएगा तो इससे फायदा होगा. शोध हो जाएगा तो इससे किसानों को फायदा होगा. सरकार की कोशिश है कि आलू को कैसे दुनिया में एक्सपोर्ट किया जाए. आगरा में इसके लिए एक सेंटर खोला जा रहा है जहां आलू के बीज उत्पादन पर काम होगा.

आलू किसानों को बेहतर दाम दिलाने की कोशिश

संजय कुमार सिंह ने कहा कि आलू किसानों को बेहतर दाम दिलाने के लिए काम हो रहा है. हालांकि आलू किसानों को अच्छा दाम मिल भी रहा है, लेकिन इसे और अधिक दिलाने की कोशिश हो रही है. संजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने देश में विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू किया है जिसमें किसानों से आईसीएआर के वैज्ञानिक गांवों में जाएंगे और किसानों से मिलेंगे. इस दौरान किसानों को खेती की कई जानकारी मिलेगी. इस पहल में लैब के कार्यों को किसानों तक पहुंचाया जाएगा. इसमें आलू पर भी विशेष काम हो रहा है. इस पहल से किसानों को वैज्ञानिक खेती करने में मदद करेगी. आलू ऐसी फसल है जो किसानों को बहुत मदद करती है.  

 महानिदेशक संजय कुमार सिंह
महानिदेशक संजय कुमार सिंह

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आलू भंडारण को लेकर बड़ी चुनौती

आलू के भंडारण को लेकर उन्होंने बताया कि सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती है, लेकिन इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि कई कंपनियां यहां से आलू खरीद कर ले जाती हैं और बाद में प्रोडक्ट बनाकर फिर यूपी में बेचती हैं. इस दिशा में बड़ा काम हो रहा है. यहां के एफपीओ से आग्रह है कि वे सहयोग करेंगे तो आलू के भंडारण की समस्या दूर होगी.

फसल को नहीं मिल रहा सही दाम!

कार्यक्रम में एक किसान ने कहा कि उनके बाजरे की फसल को सही दाम नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बाजरा का समर्थन मूल्य 2600 रुपये है, लेकिन किसान को 2000 रुपये भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि सही दाम दिलाने में मदद की जाए. इसपर उपकार के महानिदेशक ने कहा कि सरकार ने समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए एक सिस्टम बना हुआ है जिसका फायदा उठाना चाहिए. उपकार महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि आपके क्षेत्र में कृषि विज्ञान केंद्र है, समर्थन मूल्य पर खरीद के सेंटर हैं जहां किसान अपनी फसलों की बिक्री कर सकते हैं. संजय कुमार सिंह ने कहा कि अभी विकसित कृषि संकल्प अभियान भी शुरू हुआ है जिसमें समर्थन मूल्य के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

आलू अधिवेशन के मुख्य स्पॉन्सर

  • 'आलू अधिवेशन' का आधिकारिक स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश सरकार है जबकि प्रेजेंटिंग पार्टनर यूपीसीएआर, नॉलेज पार्टनर उत्तर प्रदेश सरकार और सीपीआरआई और एसोसिएट पार्टनर हाईफार्म है.
  • 'किसान तक' इंडिया टुडे ग्रुप (आजतक) का डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म है जो ऑनलाइन पोर्टल के साथ यूट्यूब पर भी प्रसारित होता है.

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