Mango Tree: आम के बौर के लिए बेहद घातक है मिली बग, इन कारगर उपायों से करें बचाव

Mango Tree: आम के बौर के लिए बेहद घातक है मिली बग, इन कारगर उपायों से करें बचाव

जनवरी मध्‍य के बाद आम के पेड़ों में बौर आना शुरू हो जाते हैं. ऐसे में इनमें रोग और कीटों का खतरा भी रहता है. आज हम आपको आम के बौर को नुकसान पहुंचाने वाले म‍िली बग कीट के बारे में बता रहे हैं, जो उत्‍पादन को प्रभावित कर सकता है.

आम की खेतीआम की खेती
जेपी स‍िंह
  • Noida,
  • Jan 24, 2025,
  • Updated Jan 24, 2025, 3:54 PM IST

अगर आपने आम का नया बगीचा लगाया है या पहले से बगीचा फल देने के लिए तैयार है, फिर भी ये समय इसके बेहतर प्रबंधन का है. वैसे तो दिसंबर से लेकर आधा जनवरी तक बगीचे के लिए डोरमेंसी पीरियड कहलाता है. लेकिन आधी जनवरी बीतने के बाद पेड़ों पर बौर आने शुरू हो जाते हैं, इसलिए खाद फर्टि‍लाइजर और सिंचाई से लेकर कीट-रोगों तक से निपटने का ये बिल्कुल सही वक्त है. सबसे पहले बौर पर मिलीबग कीट यानी दहिया कीट का हमले का गंभीर खतरा होता है. यह कीट न केवल फलों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि पेड़ की आम की उपज को  कम कर देता है.

दहिया कीट मंजर और उसके आसपास की कोमल टहनियों पर आक्रमण करते हैं. मिली बग आपको पेड़ पर चलता हुआ दिख जाएगा, जो शीर्ष पर जाकर सेट हो जाता है, इसके ज्यादा प्रकोप से कई बार बौर आ ही नहीं पाता. सफेद होने के कारण ये दही जैसा दिखता है, इसलिए मिलीबग के प्रकोप को रोकने के लिए नियमित रूप से अपने आम के बागान की निगरानी करें. अगर आपको मिलीबग का प्रकोप दिखाई दे तो तुरंत उपचार शुरू कर इसकी रोकथाम शुरू करें.

खतरनाक कीट मिलीबग आम के लिए खतरा

आम की मिलीबग  कीट  एक छोटा, मुलायम शरीर वाला कीट है जो आम के पेड़ों के रस को चूसकर अपना भोजन करता है. यह कीट आम के पत्तों, शाखाओं और फलों पर काले रंग की चिपचिपी पदार्थ का स्राव करता है, जिसे हनीड्यू कहते हैं. इस हनीड्यू पर काली फफूंद उग जाती है जिससे पत्तियां और फल काले हो जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है.मादा मिलीबग पेड़ के तने के पास मिट्टी में अंडे देती है.

अंडों से निकलने के बाद निम्फ पेड़ पर चढ़ते हैं और रस चूसना शुरू कर देते हैं. निम्फ कुछ समय बाद वयस्क में बदल जाते हैं. मिलीबग के कारण बौर पौधे की वृद्धि को रोकता है. फल छोटे और विकृत हो जाते हैं और इनका स्वाद भी खराब हो जाता है. मिलीबग के हमले से फल समय से पहले गिर जाते हैं. मिलीबग के लगातार हमले से पेड़ कमजोर हो जाता है और अन्य रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाता है.

ये भी पढ़ें - बिहार के 150 किसानों ने बंजर जमीन को बना दिया उपजाऊ, आम-अमरूद की खेती से कर रहे बंपर कमाई

मिली बग कीट से आम के बौर और फल को ऐसे बचाएं

आम के बाग इस मिली बग यानीइस कीट से बचाने के लिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट यानी IPM अपनाएं. नीम की खली या करंज की खली का उपयोग पेड़के एक मीटर दायरे की मिट्टी में करें. इससे ज़मीन में रहने वाले कीट दहिया यानी मिली बग कीट आक्रमण नहीं कर पाते.

इसके अलवा पेड़ पर चढ़ने वालेकीट को रोकने के लिए जले हुए ग्रीस या डीजल में इनसेक्टीसाइड का भुरकाव कर ऐसी चिपचिपी पेस्ट की एक लेयर तने के चारों ओर लेप कर दें. इस तरह की कई विधियों को ज़रूरत के मुताबिक़ अपनाकर आप अपने आम के बगीचे को कीट मुक्त कर सकते हैं. आम के बागान को साफ-सुथरा रखें. सूखी पत्तियों और शाखाओं को नियमित रूप से हटाते रहें. खरपतवारों को नियंत्रित करें. नीम के तेल का स्प्रे करें.

केमिकल विधि में इन दवाओं का प्रय़ोग करें

अगर जैविक उपाय प्रभावी नहीं होते हैं तो रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें. कार्बोसल्फान, डाइमिथोएट आदि कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है. कीटनाशकों का छिड़काव करते समय निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें. कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग न करें, क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. कीटनाशकों का छिड़काव करते समय सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें.

एक बात गौर करने की है, जब पेड़ में बौर लगने शुरू हों तो सिंचाई ना करें. नहीं तो बौर गिरने की समस्या आ सकती है. हालांकि, बौर लगने के बाद पेड़ खुद फलों की सेटिंग कर लेते हैं फिर भी अगर बौर में ज्यादा फल लगें तो इससे क्वालिटी खराब हो सकती है. एक बौर में ज्यादा फल होंगे तो वो छोटे-छोटे साइज के होकर रहें. जाएंगे, इसलिए एक बौर में 2-3 फल रुकें तो अच्छा है. इससे फल बड़े होंगे और उनकी क्वालिटी अच्छी आएगी. 

MORE NEWS

Read more!