महाराष्ट्र के अकोला जिले सहित राज्य के कई हिस्सों में इस साल 15 दिन पहले ही कृषि केंद्रों पर बीजों की बिक्री शुरू कर दी गई है. इसके बावजूद किसानों को उनके पसंदीदा कपास किस्म के बीजों के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद सिर्फ एक या दो पैकेट ही बीज मिल पा रहा हैं. जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं, क्योंकि खरीफ मौसम में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. ऐसे में बीज की कमी के कारण खेती कैसे सही समय पर हो पाएगी. कपास के बीज के लिए किसानों को कहीं-कहीं पर लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है. उनके साथ धक्का मुक्की भी हो रही है. महाराष्ट्र ही नहीं मध्य प्रदेश से भी ऐसी ही खबर आई है, जहां कपास के बीज के लिए किसानों को लंबी लाइन लगानी पड़ रही है.
महाराष्ट्र की बात करें तो यहां के अकोला जिले में कपास के लिए किसानों को लाइन लगानी पड़ रही है. कृषि केंद्र पर अपने पसंदीदा बीच को लेने के लिए लंबी कतार दिखाई दी, जिसमें महिला किसान भी शामिल थीं. कपास के बीज के लिए कुछ महिलाएं आपस में धक्का मुक्की और एक दूसरे पर लात घूसे चलाती दिखाई दीं. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. बताया जा रहा है कि एक कंपनी के कपास का बीज अब बहुत कम बचा है. उसे पाने के लिए किसान घंटो लाइन में खड़े हो रहे हैं.
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किसानों का कहना है कि कृषि विभाग से मिलने वाला यह बीज हमारे विश्वास का है. इससे अच्छा उत्पादन मिलता है. तो वहीं दूसरी ओर कृषि अधिकारी का कहना है कि किसान हमेशा एक ही किस्म के बीज के पीछे न भागें. बाकी भी कपास की किस्मों के बीज है, उन्हें भी बुवाई करके देखें. लेकिन किसान जिस किस्म पर एक बार विश्वास कर लेते हैं उसके अलावा दूसरा लेने को तैयार नहीं होते. एक ही किस्म के बीज पर जोर देने के कारण लाइन लग रही है और लोग धक्का-मुक्की कर रहे हैं.
उधर, एक ओर जहां किसानों को बीज नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कई जिलों से नकली बीज बेचने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. यवतमाल जिले में फर्जी बीजों की समस्या और बीज खरीदने पर दुकानदारों द्वारा ज्यादा पैसा लिए जाने की शिकायतों को देखते हुए कृषि विभाग ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है. यह टोल फ्री नंबर (9403229991) है. अगर किसी किसान को नकली बीज मिला है तो वो इस नंबर पर शिकायत कर सकता है. उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा.