कृषि के क्षेत्र में पौधों के विकास और अच्छी पैदावार के लिए पोषक तत्वों की अहमियत काफी अधिक होती है. दरअसल खेत में लगातार फसलें लेने के कारण मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. इसके चलते किसानों को इन पोषक तत्वों की पूर्ति बाहर से करनी पड़ती है. किसान रासायनिक और जैविक खाद उर्वरक के छिड़काव के माध्यम से इसकी भरपाई करते हैं. ऐसे में अगर किसान अपनी फसलों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम की कमी को दूर करना चाहते हैं तो तरल कॉन्सोर्टिया खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये खाद फसलों के बेहतर उत्पादन में मदद करती है. साथ ही इसकी कीमत भी किसानों की जेब के लायक है.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार तरल कॉन्सोर्टिया खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण ये तिलहन और दलहन फसलों के लिए अन्य खाद की तुलना में अधिक लाभकारी होता है. इसके प्रयोग से तिलहन फसलों में तेल की मात्रा बढ़ती है, विशेषकर सरसों में. इसके प्रयोग से फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है.
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तरल कॉन्सोर्टिया के उपयोग से फसलों को प्रति हेक्टेयर 25 से 30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 से 25 किलोग्राम फास्फोरस और 10 से 15 किलोग्राम पोटैशियम मिलता है. साथ ही इसके इस्तेमाल से उपज में 10 से 20 प्रतिशत वृद्धि होती है. वहीं, आपको बता दें कि इसके उपयोग से किसानों को 50 से 60 किलो यूरिया, 40 से 50 किलो DAP और 15 से 25 किलो MOP की बचत होती है.
अब सवाल यह उठता है कि इसका इस्तेमाल किस तरह किया जाए ताकि फसलों के बेहतर उत्पादन के साथ ही भूमि की उर्वरक क्षमता भी बनी रहे और किसानों को फायदा हो. दरअसल, इसका उपयोग करने के लिए 250 मिली तरल कॉन्सोर्टिया खाद को 2 से 3 लीटर पानी में मिला कर घोल बनाएं, उसके बाद इस घोल का छिड़काव करें.
बात करें तरल कॉन्सोर्टिया खाद की तो इसकी कीमत आपको चौंका देगी क्योंकि अन्य खाद की तुलना में ये खाद आपको सस्ते में मिल जाएगी. इस खाद को खरीदने के लिए किसानों को इफको की वेबसाइट https://bit.ly/3ZkiaQp पर 200 रुपये में मिल जाएगी. इसे खरीद कर किसान अपनी फसलों की उपज को बढ़ा सकते हैं.