अब महंगा खाद बेचने वालों की खैर नहीं, कृषि विभाग ने तय किया रेट; शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर

अब महंगा खाद बेचने वालों की खैर नहीं, कृषि विभाग ने तय किया रेट; शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर

कृषि विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए खाद में हो रहे फर्जीवाड़ा को देखते हुए रेट तय कर दिया है. दरअसल, किसान उर्वरकों की खरीद के लिए बाजार पहुंच रहे हैं लेकिन विक्रेताओं द्वारा अधिक कीमत पर उर्वरक बेची जा रही है, जिससे किसान काफी परेशान हैं.

खाद का रेट तयखाद का रेट तय
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 13, 2025,
  • Updated Jul 13, 2025, 10:54 AM IST

देश के लगभग सभी राज्यों में किसान खरीफ फसलों की बुवाई में जुट गए हैं. लेकिन बुवाई के समय फसलों में डालने वाली उर्वरक यानी खाद की कमी और खरीद में किसानों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. ऐसी खबरें लगभग सभी राज्यों से आ रही है. किसान उर्वरकों की खरीद के लिए बाजार पहुंच रहे हैं लेकिन विक्रेताओं द्वारा अधिक कीमत पर उर्वरक बेची जा रही है, जिससे किसान काफी परेशान हैं. किसानों के इन्हीं परेशानियों को देखते हुए बिहार के कृषि विभाग ने प्रदेश के किसानों को सही दाम पर उर्वरक उपलब्ध करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से जानकारी साझा की हैं. आइए जानते हैं क्या है वो जानकारी.

कृषि विभाग ने तय किया रेट

क्या है उर्वरक का सही दाम बिहार कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को दी गई जानकारी में खाद की कीमतें बताई गई है, ताकि किसानों के साथ खाद विक्रेता दाम के नाम पर फर्जीवाड़ा ना कर सकें. दरअसल, कृषि विभाग द्वारा बताई गई खाद कि कीमतों में नीम लेपित 45 किलो यूरिया का बोरा 266.50 रुपये और 50 किलो का डीएपी बोरा 1 हजार 350 रुपये में उपलब्ध होगा. अगर विक्रेता इस भाव से अधिक पैसे वसूल रहा है, तो किसान इसकी आसानी से शिकायत भी कर सकते हैं.

शिकायतों के लिए नंबर जारी

किसानों उर्वरक खरीद से जुड़ी किसी भी समस्या की शिकायत के लिए राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं. इसके लिए कृषि विभाग ने फोन नंबर भी जारी किया है. अगर किसानों के साथ कोई फर्जीवाड़ा करता है तो किसान इस नंबर पर 0612-2233555 कॉल कर सकते हैं. साथ ही इसके लिए व्हाट्सएप नंबर 7766085888 है. बता दें कि किसान अपनी शिकायत सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दर्ज करा सकते हैं.

किसानों को मिलेगी सुविधा

कृषि विभाग के इस सराहनीय कदम से खरीफ सीजन में खेती करने वाले किसानों को खाद के लिए अधिक पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा. साथ ही प्रदेश के किसान फर्जीवाड़े से भी बच जाएंगे. वहीं, इस कदम से राज्य के खाद विक्रेताओं पर नकेल भी कसा जाएगा और गलत दाम पर खाद बेचने वालों पर कार्रवाई करने में भी आसानी होगी. कुल मिला कर ये फैसला किसानों की सुविधा के लिए हैं. ऐसे में किसान अधिक दाम पर खाद खरीदने से जरूर बचें.

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