
सरसों की खेती हमारे देश के किसानों के लिए बहुत जरूरी फसल है. इससे तेल मिलता है और किसानों की आमदनी भी बढ़ती है. लेकिन अगर खेत में खरपतवार और कीट ज्यादा हो जाएं, तो सरसों की फसल अच्छी नहीं हो पाती. इसलिए समय पर खरपतवार और कीटों को नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है. खरपतवार वे बेकार पौधे होते हैं, जो सरसों के साथ-साथ खेत में उग जाते हैं. ये खरपतवार सरसों के पौधों का खाना, पानी और जगह छीन लेते हैं. इससे सरसों के पौधे कमजोर हो जाते हैं और अच्छे से नहीं बढ़ पाते. अगर खेत साफ रहे, तो सरसों जल्दी और अच्छी तरह बढ़ती है.
सरसों की फसल में बुआई के 20 से 25 दिन बाद एक बार निराई-गुड़ाई करना बहुत फायदेमंद होता है. निराई-गुड़ाई से खरपतवार निकल जाते हैं और मिट्टी भी नरम हो जाती है. इससे पौधों की जड़ें मजबूत बनती हैं और फसल अच्छी होती है.
अगर किसान दवा से खरपतवार को खत्म करना चाहते हैं, तो वे बुआई से पहले या बुआई के बाद दवा का छिड़काव कर सकते हैं. बुआई से पहले फ्लूक्लोरेलिन नाम की दवा खेत में छिड़की जाती है. इसे पानी में मिलाकर पूरे खेत में समान रूप से डाला जाता है. इससे खरपतवार उगने से पहले ही खत्म हो जाते हैं.
बुआई के बाद लेकिन बीज उगने से पहले पेण्डीमेथिलीन नाम की दवा का छिड़काव किया जाता है. यह दवा भी खरपतवार को उगने नहीं देती. दवा हमेशा सही मात्रा में और सही समय पर ही डालनी चाहिए.
जब सरसों के पौधे बहुत पास-पास उग जाते हैं, तो वे आपस में लड़ने लगते हैं. इसलिए बुआई के 15 से 20 दिन बाद कमजोर और ज्यादा पौधों को निकाल देना चाहिए. पौधों के बीच लगभग 15 सेंटीमीटर की दूरी रखना अच्छा माना जाता है. इससे हर पौधे को पूरा खाना, पानी और धूप मिलती है.
सरसों की फसल पर कई तरह के कीट हमला करते हैं. इनमें माहूं और आरा मक्खी सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं. माहूं कीट सरसों के पौधों का रस चूस लेता है. इससे पौधा कमजोर हो जाता है और पैदावार कम हो जाती है. कभी-कभी तेल की मात्रा भी घट जाती है.
अगर एक पौधे पर बहुत सारे कीट दिखने लगें या कई पौधों पर कीट नजर आने लगें, तो समझ लेना चाहिए कि अब दवा डालने का समय आ गया है.
कीटों को खत्म करने के लिए किसान कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करते हैं. ये दवाएं पानी में मिलाकर पूरे खेत में छिड़की जाती हैं. दवा डालते समय ध्यान रखना चाहिए कि पूरा पौधा अच्छी तरह भीग जाए. सही समय पर दवा डालने से कीट मर जाते हैं और फसल सुरक्षित रहती है.
अगर किसान समय पर खरपतवार निकालें और कीटों से बचाव करें, तो सरसों की फसल अच्छी होगी, दाने ज्यादा मिलेंगे और तेल की मात्रा भी बढ़ेगी. इससे किसान खुशहाल बन सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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